script‘मंदिर तुड़वाने का विचार औरंगजेब का नहीं, बल्कि हिन्दू राजाओं का था’ | Audrey Truschke, Parvati Sharma in conversation with Ira Mukhoty | Patrika News
जयपुर

‘मंदिर तुड़वाने का विचार औरंगजेब का नहीं, बल्कि हिन्दू राजाओं का था’

भारत में मंदिरों को तुड़वाने का विचार औरंगजेब का नहीं था। बल्कि ये तो उससे सैंकड़ों साल पहले ही किन्हीं हिन्दू राजाओं ने एक-दूसरे की जगहों पर राजनीति के चलते तुड़वा दिए थे।

जयपुरJan 27, 2019 / 08:54 am

santosh

jlf 2019
जयपुर। भारत में मंदिरों को तुड़वाने का विचार औरंगजेब का नहीं था। बल्कि ये तो उससे सैंकड़ों साल पहले ही किन्हीं हिन्दू राजाओं ने एक-दूसरे की जगहों पर राजनीति के चलते तुड़वा दिए थे। अभी तक यही माना जाता रहा है कि औरंगजेब ने ही मंदिरों को तुड़वाया था, लेकिन यह बात अभी तक गलत तरीके से ही ली जाती रही है।
भारत में इसके पीछे राजनीति भी हावी होती रही है। हालांकि उसके दौर में भी मंदिर तोड़े गए थे, लेकिन उसकी भूमिका सीधे तौर पर आदेश के तौर पर दिखाई नहीं देती। यहां तक कि अपने कैम्पेन के दौरान साउथ इंडिया में मंदिरों को तोडऩे का आदेश नहीं दिया था।
2017 में ‘औरंगजेब: द मैन एंड द मिथ’ चर्चित बुक लिखने वालीं राइटर और हिस्टोरियन ऑड्रे ट्रस्के ने औरंगजेब के बारे में कुछ इस तरह अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि औरंगजेब के बारे में कई बातें प्रचारित की गई हैं, जो सही नहीं हैं। हो सकता है सभी बातों के अपने-अपने राजनीतिक परिदृश्य हों।
सेशन में राना साफवी ने कहा कि जब ब्रिटिशर्स इंडिया आए तो उन्होंने दिल्ली में यमुना किनारे लोगों को वहां से चले जाने का आदेश दे दिया था, लेकिन बहादुर शाह ने उनसे कहा कि उन लोगों के पास ही उनका टेंट लगा दिया जाए। उन्होंने कहा कि चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम, ये मेरे अपने हैं और ये जहां रहेंगे, मैं वहां रहूंगा। एेसे में यह कहा जाना सही नहीं होगा कि मुगल काल में शोषण हुआ।

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