आईसीयू में नाकाफी दिखे इंतजाम, स्टाफ भी परेशान- अस्पताल के प्रथम तल पर बने दस बेड के कोविड डेडिकेटेड आइसीयू में अब हीटवेव से ग्रस्त गंभीर मरीज भर्ती हो सकेंगे। ऐसे में कोविड और स्वाइन फ्लू के मरीज अब एक साथ रहेंगे। गाइडलाइन के तहत हीटवेव के आईसीयू में हवा-पानी के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए, जो नहीं दिखे। चार मेंं से दो एसी बंद थे, जबकि एक पंखा ही गायब था। आइसीयू में भर्ती तीन मरीज गर्मी से बेहाल दिखे। यहां आईस क्यूब या आईस पैक के भी इंतजाम नहीं थे। यहां तक कि स्टाफ के बैठने की कुर्सियां भी टूटी हुई थीं। नर्सिंग स्टाफ व रेजीडेंट ने बताया कि असुविधाएं हो रही है। आइसीयू के अनुकूल इंतजाम नहीं है।
वार्ड में स्टाफ बोला, मुझे तो पता नहीं
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि साउथ विंग के भूतल स्थित वार्ड में हीटवेव से ग्रस्त मरीजों के लिए बेड रिजर्व किए हैं। वहां ड्यूटी दे रहे नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि उसे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है कि यहां हीटवेव के मरीज भर्ती किए जाएंगे। हालांकि यह मेडिसिन विभाग का वार्ड है।
इधर, जयपुरिया व जनाना अस्पताल में मरीजों के हाल-बेहाल, जिम्मेदार अनजानजयपुरिया अस्पताल में हीटवेव प्रबंधन के इंतजाम नाकाफी दिखे। अस्पताल की खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं। जिससे वार्डों में गर्म हवा आती है। पंखे भी गर्मी को रोकने में बेबस नजर आए। स्थिति यह है कि मरीज घर से कूलर, पंखे लाने को मजबूर है। अस्पताल में डक्टिंग सिस्टम भी नहीं है। इस वजह से कई जगह कूलर लगाए गए हैं। इधर, जनाना अस्पताल में भी ऐसे ही हाल है। वहां भी मरीजों को रजिस्ट्रेशन के लिए गर्मी में कतारों में जूझना पड़ता है।