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जयपुर

राजस्थान के इस बड़े मीठे पानी के बांध में मिलावट का बड़ा खेल, जानें हैरान करने वाला मामला?

Bisalpur Dam : राजस्थान के एक मीठे पानी के बांध में मिलावट का बड़ा मामला सामने आया है। पानी में मिलावट के इस गंभीर मामले को जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। आप सोच भी नहीं सकते कि इस तरह पानी में भी मिलावट हो सकती है। जानें क्या है पूरा मामला?

जयपुरApr 29, 2024 / 12:16 pm

Omprakash Dhaka

Bisalpur Dam Freshwater Dams Big Game of Adulteration Foul Water Mixing Game Salt Water From Bore Wells
Bisalpur Dam Jaipur : अभी तक खाद्य पदार्थों में मिलावट सुनी थी। अब बीसलपुर के मीठे पानी में खारा व दुर्गंधयुक्त पानी मिलाकर सप्लाई की बात सामने आई है। मामला बस्सी इलाके का है, जहां बीसलपुर के पानी में कानोता बांध के पेटे के बोरिंगों का गंदा पानी और पाटन बांध के बोरवेलों का खारा पानी मिलाकर सप्लाई की किया जा रहा है। जिम्मेदार पानी सप्लाई करने से पहले पानी के मानकों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस घालमेल के लिए बीसलपुर परियोजना के अधिकारियों ने कानोता बांध में 15 व पाटन बांध में 13 बोरवेल खुदवा रखे हैं। इन बोरवेलों से पानी खींचकर बीसलपुर के पानी में मिलाकर सप्लाई किया जा रहा है। लोगों ने पानी में दुर्गंध की शिकायत की है। बांसखोह पंप हाउस से ग्रामीण इलाके में जो पानी सप्लाई किया जाता है वह खारा है।

कानोता में 15 व पाटन बांध में 13 बोरवेल खुदवाए

कानोता बांध इलाके में 15 बोरवेल खुदवाए गए हैं। प्रतिदिन 15 लाख लीटर पानी खींचा जा रहा है, यह पानी बस्सी पंप हाउस में लाया जाता है। पाटन बांध में 13 बोरवेल खुदवाए हैं। इनका पानी बांसखोह पंप हाउस में लाया जाता है। इस पानी को बीसलपुर के पानी में मिलाकर सप्लाई किया जाता है।

नहीं किया जाता फिल्टर

इन बांधों के बोरवेल से लाए जाने वाले पानी को विभाग फिल्टर करने की बजाय सीधा पंप हाउस के जलाशयों में मिला कर नलों में सप्लाई करता है। जबकि दोनों स्थानों से आए पानी को फिल्टर करना चाहिए। इस पानी के मानक पीएच को नहीं मापा जा रहा है।

बांध में आता है जयपुर के नालों का पानी

कानोता बांध बारिश के पानी से कम बल्कि जयपुर के गंदे नालों के पानी से अधिक भरता है। अधिकारियों का तर्क है कि बोरवेलों में पानी जमीन में फिल्टर होकर आता है, उसमें दुर्गंध जैसी कोई बात नहीं है। वहीं, बीसलपुर परियोजना के अधिकारी ये भी स्वीकारते हैं कि पाटन बांध में खुदवाए गए 13 बोरवेल में खारा पानी है। इससे यहां से प्रतिदिन करीब 3 लाख लीटर पानी ही काम में लिया जाता है।

बीसलपुर के पानी में मिलाते हैं बांध का पानी

बीसलपुर से प्रतिदिन 1 करोड़ 40 लाख लीटर पानी मंजूर है, लेकिन 92 लाख लीटर से अधिक कभी नहीं आया। अब तो 75-77 लाख लीटर ही आ रहा है। ऐसे में कानोता बांध में 15 और पाटन बांध में 13 बोरवेल खुदवा कर उनका पानी बीसलपुर के पम्प हाउसों में लाकर बीसलपुर के पानी में मिलाया जाता है। फिर से यहां से सप्लाई की जा रही है।
– मुकेश कुमार मीना, सहायक अभियंता बीसलपुर परियोजना, बस्सी

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