मिर्धा परिवार का रहा है दबदबा
नागौर लोकसभा क्षेत्र की बात हो और मिर्धा परिवार की राजनीति की बात नहीं हो, ऐसे कैसे संभव है। इस सीट पर लम्बे समय तक मिर्धा परिवार का ही दबदबा रहा है। आज भी मिर्धा परिवार के सदस्य हर चुनाव में हिस्सा लेते आाए हैं। नागौर लोकसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य होने के कारण दोनों ही पार्टियां जाट को टिकट देती आई हैं। मिर्धा परिवार की बात करें तो अब तक हुए 18 चुनावों में से नौ बार मिर्धा परिवार के सदस्य सांसद बने हैं। इनमें नाथूराम मिर्धा तो छह बार तक सांसद बनने का गौरव मिला है।
भाजपा ने लगाई सेंध
मिर्धा परिवार शुरू से ही कांग्रेस विचारधारा का रहा है। इस कारण इस सीट से कांग्रेस पार्टी जीतती थी। इस गढ़ को जीतने के लिए भाजपा ने मिर्धा परिवार में सेंध लगाई। भाजपा ने सबसे पहले 1997 में भानुप्रताप मिर्धा को अपने पाले में लेकर उन्हें टिकट दिया था। भानुप्रताप मिर्धा ने जीतकर भाजपा का खाता पहली बार नागौर से खोला।
अब तक चार बार जीती है भाजपा
नागौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने दस बार जीत हासिल की है, वहीं भाजपा यहां से चार बार जीत पाई है। सबसे पहले वर्ष 1997 में भानुप्रताप मिर्धा को अपने पाले में लेकर जीत हासिल की थी, उसके बाद वर्ष 2004 में भाजपा के भंवरसिंह डांगावास जीते। वर्ष 2014 में सीआर चौधरी ने जीत दर्ज वहीं पिछले चुनाव में हनुमान बेनीवाल की रालोपा का भाजपा से गठबंधन हो जाने भाजपा समर्थित बेनीवाल यहां से जीते थे।
नागौर सीट से चौथी बार ज्योति लडेंग़ी चुनाव
ज्योति मिर्धा नागौर लोकसभा सीट से चौथी बार मैदान में उतर रही हैं। वे एक बार वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट से जीती थी, उस समय उन्होंने भाजपा की बिंदु चौधरी को हराया था। इसके बाद से ये लगातार दो चुनाव हार रही हैं। कांग्रेस ने इन्हें लगतार तीन बार सांसद प्रत्याशी बनाया था। वर्ष 2014 के चुनाव में सीआर चौधरी से पराजित हुई थी। उस समय हनुमान बेनीवाल निर्दलीय मैदान में थे। इस चुनाव में मोदी लहर के अलावा बेनीवाल के खड़े होने और जाट वोटों के धु्रवीकरण का असर ज्योति मिर्धा के हार का एक कारण भी बना था। इसके बाद पिछले चुनाव में हनुमान बेनीवाल रालोपा से खड़े हुए और भाजपा ने इन्हें समर्थन दिया था। पिछला चुनाव भी ज्योति हारी। इस चुनाव में कांग्रेस से भाजपा में आने के कारण भाजपा ने इन्हें ही लोकसभा का प्रत्याशी बना दिया।
नागौर लोकसभा क्षेत्र में शामिल विधानसभाa क्षेत्र
विधानसभा क्षेत्र– विधायक- पार्टी
लाडनूं– मुकेश भाकर– कांग्रेस
डीडवाना– यूनुस खान– निर्दलीय
जायल– मंजू बाघमार– बीजेपी
नागौर– हरेंद्र मिर्धा– कांग्रेस
खींवसर– हनुमान बेनीवाल– आरएलपी
मकराना– जाकिर हुसैन गेसावत– कांग्रेस
परबतसर– रामनिवास गौरिया– कांग्रेस
नावां– विजय सिंह– बीजेपी
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अब तक लोकसभा सदस्य
वर्ष—- सदस्य—- दल
1952—- जीडी सोमानी—- स्वतंत्र
1957—- मथुरादास माथुर—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962—- एस कुमार—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967—- एनके सोमानी—- स्वतंत्र पार्टी
1971—- नाथूराम मिर्धा—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977—- नाथूराम मिर्धा—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1980—- नाथूराम मिर्धा—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (यू)
1984—- रामनिवास मिर्धा—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989—- नाथूराम मिर्धा—- जनता दल
1991—- नाथूराम मिर्धा—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1996—- नाथूराम मिर्धा—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1997—- भानु प्रकाश मिर्धा—- भारतीय जनता पार्टी
1998—- रामरघुनाथ चौधरी—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1999—- रामरघुनाथ चौधरी—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2004—- भंवर सिंह डांगावास—- भारतीय जनता पार्टी
2009—- ज्योति मिर्धा—- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2014—- सीआर चौधरी—- भारतीय जनता पार्टी
2019—- हनुमान बेनीवाल—- राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी
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पिछले चार चुनाव का गणित
वर्ष 2019
पार्टी—- प्रत्याशी—- वोट मिले—- प्रतिशत
आरएलपी—- हनुमान बेनीवाल—- 660,051—- 54.86
कांग्रेस—- ज्योति मिर्धा—- 4,78,791—- 39.80
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वर्ष 2014
बीजेपी—- सीआर चौधरी—- 414,791—- 41.31
कांग्रेस—- ज्योति मिर्धा—- 3,39,573—- 33.82
आईएनडी—- हनुमान बेनीवाल—- 1,59,980—- 15.93
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वर्ष 2009
कांग्रेस—- ज्योति मिर्धा—- 333261—- 54.42
बीजेपी—- बिंदु चौधरी—- 1,78,124—- 29.18
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वर्ष 2004
बीजेपी—- भंवर सिंह डांगावास—- 2,84,657—- 45.08
कांग्रेस—- रामरघुनाथ चौधरी—- 2,14,030—- 33.89
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