निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ.रविप्रकाश माथुर ने बताया कि कुछ महीनों से प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में इस रोग के कई मामले सामने आए हैं। यह एक संक्रामक रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने के समय समय लार के माध्यम से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक आसानी से फैलता है। इसके लक्षण रोगी के संपर्क में आने के बाद 2 से 3 सप्ताह में सामने आते हैं। जो 10 से 14 दिनों तक प्रभावित करते हैं। यह रोग होने पर अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाश्य और रीढ़ की हड्डी में सूजन और असाधारण स्थितियों में बहरेपन की स्थिति भी हो सकती है। इसके मुख्य लक्षणों में गले की लार ग्रंथि में तीन दिन तक दर्द और सूजन साथ ही मांसपेशियों में दर्द, सूजन और भूख में कमी शामिल हैं। इस संक्रमण से बचाव के लिए स्वस्थ व्यक्ति को ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति से उचित दूरी बनाये रखना आवश्यक है।