मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि फिलहाल कोरोना से निपटने को लेकर सख्ती की जा रही है। कोरोना के प्रोटोकॉल को गंभीरता से पालन करने और सावधानी बरतने की जरुरत हैं। कोरोना से बचने के लिए बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने एवं वैक्सीन लगवाना जरुरी है। उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना के जो मरीज आ रहे हैं उनमें एक-दो मामले को छोड़कर कोई गंभीर नहीं हैं और वह स्थिति नहीं बन रही हैं लॉकडाउन जैसा कदम उठाया जाए। सभी को मास्क और दो गज दूरी के साथ कोविड गाइडलाइन की सख्ती से पालना करनी होगी।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की राय है कि अगर यह तेजी से फैलता है तो खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहले की स्थिति से अनुभव के आधार पर यह चिंता करके बार बार विशेषज्ञों से राय लेते रहते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से पीड़ित हर व्यक्ति की राज्य सरकार मदद के लिए तैयार हैं और मदद की गई हैं। अगर कोई मामला आता हैं तो उसकी वह जांच करवाते हैं और कमी को पूरा करने के प्रयास किए जाते हैं।
पोस्ट कोविड समस्याएं हो सकती है गंभीर गहलोत ने कहा कि आमजन में ऐसी धारणा है कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट घातक नहीं है इसलिए लोग लापरवाही बरत रहे हैं। विशेषज्ञों की राय है कि ओमिक्रोन से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड समस्याएं पूर्व के वैरिएंट्स जितनी ही गंभीर हो सकती हैं। पोस्ट कोविड समस्या में अस्थमा, बार-बार सिर दर्द, फेफड़ों संबंधित रोग, किडनी की परेशानी एवं हृदय रोग तक हो सकते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक अगस्त, 2020 में मुझे हुई आर्टरी ब्लॉकेज संबंधी परेशानी की एक वजह पोस्ट कोविड समस्या भी है। इसलिए ओमिक्रोन को भी गंभीरता से लेते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें तथा वैक्सीन की दोनों डोज लगवाएं।