जयपुर के हालात तो सभी को पता है। हर दिन यहां मौत का आंकड़ा बढता जा रहा है। लेकिन जयपुर के अलावा कई जिले ऐसे हैं जहां पर अब मरीजों की संख्या के साथ ही मौतों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। 23 अगस्त से 23 सितंबर की बात की जाए तो इस एक महीने के दौरान कई जिलों में मौतों का खाता खुला है। यानि इससे बीस अगस्त से पहले इन जिलों में कोरोना से मौतें नहीं हुई थीं। जयपुर और जोधपुर तो सबसे उपर हैं हीं..। बांसवाड़ा जिले में एक महीने के दौरान ही मौतों की संख्या चार से बढ़कर आठ हो गई। बूंदी में एक मौत से बढ़कर संख्या पांच तक जा पहुंची है। चित्तौडगढ़ में छह मौतों के बाद एक महीने में संख्या बढ़कर चौदह पहुंच चुकी है। चूरू में चार से बढ़कर संख्या एक महीने में ही ग्यारह तक जा पहुंची है यानि लगभग तीन गुना मरीजों की मौतें हो गई। दौसा में पांच से बढ़कर संख्या नौ तक जा पहुंची है। डूंगरपुर में सात मरीजों से बढ़कर संख्या 14 तक जा पहुंची हैं। हनुमानगढ़ में भी एक से बढ़कर दो मरीज कोरोना के चलते मरे हें। जैसलमेर में संख्या दो से बढ़कर सात पहुंची है यानि की तीन गुना से भी ज्यादा। झालावाड़ के हाला सबसे खराब रहे हैं। बीस अगस्त से पहले यहां एक भी मौत नहीं लेकिन बीस सितंबर आते—आते आठ मरीजों ने दम तोड़ दिया यानि आठ गुना मौतें हो गई। प्रतापगढ़ में चार के मुकाबले आठ, सीकर जिले में तेरह के मुकाबले 26, टोंक जिले में पांच के मुकाबले तेरह और उदयपुर जिले में 19 मौतों के मुकाबले 39 संक्रमितों ने सिर्फ एक महीने में ही दम तोड़ दिया।
प्रदेश भर में मरीजों का संक्रमण भी दो गुना से तीन गुना तक अधिकतर जिलों में बढ़ा है। सबसे ज्यादा मरीज जाहिर तौर पर जयपुर जिले में ही बढे हैं। बीस अगस्त को मरीजों की संख्या सात हजार सात सौ सत्तर थी जो एक महीने यानि बीस सितंबर तक बढ़कर 16 हजार पांच सौ से भी ज्यादा हो गई। यानि करीब ढाई गुना के करीब…। बाकि तेरह जिलों की बात करें जहां मरीज दो गुना से तीन गुना तक बढ़े उन जिलों में बांसवाड़ा में 387 की तुलना में 1001 मरीज, बांरा जिले में 386 की तुलना में 1121 मरीज, भीलवाड़ा में 1512 की तुलना में करीब 2900 मरीज, बूंदी में 401 की तुलना में 1074 यानि करीब ढाई गुना ज्यादा मरीज, चूरू में 724 की तुलना में 1365 मरीज, गंगानगर में 483 की तुलना में 1070 मरीज, हनुमानगढ़ में 302 मरीजों की तुलना में एक हजार से ज्यादा मरीज, जैसलमेर में 292 की तुलना में 648 मरीज, झालवाड़ में 1003 की तुलना में 2192 मरीज, कोटा में 3732 की तुलना में 8234 मरीज, प्रतापगढ़ में 309 की तुलना में 699 मरीज और सवाई माधोपुर में 385 की तुलना में मरीजों की संख्या बढकर 742 तक हो चुकी है।