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गौरतलब है कि डीओआईटी के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को इस मामले में एसीबी ACB ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अखिल अरोडा ने आदेश जारी कर यादव को निलंबित कर दिया था। इसके बाद से ही कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी अब एसीबी के शक के घेरे में आ गए हैं। इससे पूर्व आरोपी को एसीबी ने गिरफ्तार कर छह दिन पहले रविवार को जज के घर पेश किया था, जहां से उसे 3 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया था।
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इस मामले में पुलिस ने सीसीटीवी में आरोपी जॉइंट डायरेक्टर को वह बैग अलमारी में रखते हुए देखा था इसके बाद उनसे कड़ाई से पूछताछ की थी। एसीबी के एडिशनल एसपी ललित किशोर शर्मा मामले की जांच कर रहे हैं। रिमांड पर कड़ाई से वेद प्रकाश यादव से पूछताछ की जा रही है। एसीबी अब यह पता लगाने में जुटी है कि कब-कब, किस-किस ठेके और टेंडर में कितनी रिश्वत और कमीशन की राशि ली गई और इस भ्रष्टाचार में उसके साथ अन्य कौन-कौन अफसर-कर्मचारी शामिल रहे हैं।
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सामान खरीद-विक्रय कमेटी में हैं शामिल
मिली जानकारी के हिसाब से वेदप्रकाश यादव परचेज कमेटी का मेंबर था। यह सबकुछ सरकारी विभाग की अलमारी में ही पर्सनल लॉकर की तरह जमा करता था। अलमारी में 2.31 करोड़ से ज्यादा रुपए और सोने की 1 किलो सिल्ली से भरा बैग रखते रखते हुए पुलिस ने आरोपी को देख लिया। इसके बाद झोटवाड़ा स्थित घर पर छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार किया।