सराफ ने कहा कि तीन चार माह पूर्व राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में आ चुकी थी, लेकिन सरकार के ढुलमुल रवैये तथा प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक बार फिर से कोरोना के केसेज में बेतहाशा वृद्धि हुई है जो चिंता का विषय हैै इसके बाद भी राज्य सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने के बजाय असम, बंगाल व प्रदेश में हो रहे उपचुनावों में व्यस्त है। हालांकि इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी के जितने की संभावनाएं लगभग नगण्य हैं क्योंकि जनता नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास करके भाजपा के पक्ष में अपना मन बना चुकी है।
सराफ ने कहा कि राज्य में संक्रमण की दिनोंदिन बिगड़ती स्थिति से सरकार के कोरोना प्रबंधन की पोल खुल गई है। सड़क मार्ग व रेल मार्ग से आने वाले यात्रियों की चैकिंग में लापरवाही तथा टीकाकरण अभियान के प्रति इच्छाशक्ति की कमी के कारण एक बार फिर राज्य में कोरोना संक्रमण फैलने लगा है। प्रदेश के पांच शहरों में स्थिति बहुत ही भयावह है, इसलिए राज्य सरकार को समय रहते सख्त निर्णय लेने चाहिए और संक्रमित क्षेत्रों को सील करके घर—घर सर्वे अभियान चलाना चाहिए। सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड नियमों की पालना करते हुए टीकाकरण में तेजी लाने की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे बेकाबू होते कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सके।