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बेमौसम बारिश से जीरा महंगा, इस साल 5.80 लाख टन उत्पादन का अनुमान

बेमौसम बारिश के कारण जीरे की कीमतों में जोददार उछाल देखा जा रहा है। एक महीने में इसके दाम 15 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ चुके हैं।

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बेमौसम बारिश से जीरा महंगा, इस साल 5.80 लाख टन उत्पादन का अनुमान

बेमौसम बारिश से जीरा महंगा, इस साल 5.80 लाख टन उत्पादन का अनुमान

बेमौसम बारिश के कारण जीरे की कीमतों में जोददार उछाल देखा जा रहा है। एक महीने में इसके दाम 15 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ चुके हैं। जीरा कारोबारियों का कहना है कि इस महीने असमय हुई बारिश से इसकी फसल को नुकसान हुआ है, जिससे आगे भी जीरे की कीमतों में तेजी बने रहने की आशंका है। कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स में 3 मार्च को जीरा का अप्रेल कॉन्ट्रैक्ट 30,570 रुपए के भाव पर बंद हुआ था, जो आज 35,075 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर कारोबार कर रहा है। इस तरह इस महीने भर में जीरा का वायदा भाव करीब 15 फीसदी बढ़ चुके हैं। मसाला कारोबारी रामअवतार अग्रवाल का कहना है कि मुनाफावसूली से जीरे की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। उंझा में जीरा 31,500 रुपए से बढ़कर 34,000 रुपए क्विंटल बिक रहा है। इस साल जीरा का उत्पादन कम है, इससे बाजार में इसकी आपूर्ति कमजोर है। इसलिए जीरे की कीमतों में तेजी आ रही है। आगे जीरे के भाव बढ़कर 38 से 40 हजार रुपए क्विंटल रुपए के बीच जा सकते हैं।

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बारिश से फसल को नुकसान

अग्रवाल ने बताया कि इस साल उत्पादन पहले से ही घटने का अनुमान था। ऐसे में 15 मार्च के बाद हुई असमय बारिश से खासकर राजस्थान के जीरा उत्पादक इलाकों में खेतों में खड़ी जीरे की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इस नुकसान के बाद जीरे की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। जीरे की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है, जिससे आगे लंबी अवधि में इसकी कीमतों में और तेजी आ सकती है।

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जीरा उत्पादन करीब 8 फीसदी घटने का अनुमान

गुजरात में जीरे की बुवाई 6 फीसदी कम हुई थी। राजस्थान में प्रतिकूल मौसम के कारण इसकी उत्पादकता में कमी आई है। लिहाजा इस साल जीरे का उत्पादन कम है। इस साल 5.80 लाख टन जीरे का उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन 6.29 लाख टन से 7.79 फीसदी कम है।