एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने बताया कि वाइल्डलाइफ फ्रेटरनिटी के स्टेक होल्डर के रूप में संगठन का उद्देश्य टहला घाटी में पर्यावरण अनुकूल और सचेत विकास करने की दिशा में कार्य करना है। जिससे इको सिस्टम बना रहेगा। पिछले कुछ वर्षों में वन्यजीव प्रेमियों और विशेषज्ञों ने क्षेत्र की विकासात्मक गतिविधियों में भारी निवेश किया है। टहला क्षेत्र में रोजगार और व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही टहला को विशेष टूरिज्म जॉन का दर्जा दिलाने और प्रदेश भर में ऐसी अन्य इकाइयां बनाने की मांग है।
एसोसिएशन की ओर से लेपर्ड वैली में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता अभियान और संरक्षण जैसी सामाजिक जिम्मेदारियां के लिए काम किया जा रहा है। सरिस्का नेचुरलिस्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की जा रही है। यह कार्यक्रम 18 से 29 सितंबर तक टहला क्षेत्र में उत्सव कैंप सरिस्का में आयोजित किया जाएगा। ट्रेनर जेनिफर नंदी के नेतृत्व में प्रशिक्षण कार्यक्रम सुबह 10 से शाम 5 बजे तक होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय लोगों और आसपास के जंगल के बीच सहज संबंध स्थापित करना है।
एसोसिएशन के सचिव लव शेखावत ने बताया कि सरिस्का देश की राजधानी के सबसे निकटतम टाइगर रिजर्व में से एक है। नए जिलों के गठन के बाद अलवर में केवल पर्यटन प्रमुख उद्योग बचा है। पर्यटन क्षेत्र में सरिस्का का योगदान 90 प्रतिशत है।