कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने का मुद्दा हाल में विधानसभा सत्र में भी उठ चुका है। विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त विभाग का कहना है कि वेतन विसंगतियां दूर करने के लिए बनी सामंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट परीक्षणाधीन है।कर्मचारी महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि कर्मचारी संगठन पिछले कई साल से वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग कर रहे हैं। सरकारें कमेटियां बना देती हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते डाल दिया जाता है। खेमराज कमेटी भी 2 साल पहले अपनी रिपोर्ट दे चुकी है, उसके बाद भी सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया।
राजे और गहलोत सरकार नहीं कर पाए विसंगति दूर
दरअसल वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों की ओर से बार-बार सरकार का ध्यान आकर्षित करने के बाद 3 नवंबर 2017 को तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने सामंत कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने 5 अगस्त 2019 को अपने रिपोर्ट सरकार को भेज दी थी। इसके बाद गहलोत सरकार ने भी 5 अगस्त 2021 को खेमराज कमेटी बनाई। कमेटी ने 30 दिसंबर 2022 को अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी थी। इसके बावजूद भी पिछले डेढ़ साल से यह रिपोर्ट ठंडे बस्ते में हैं। अब सरकार बदलने के बाद कर्मचारी संगठनों ने एक बार फिर से इस मांग को जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है।