पानी या जीवन के साक्ष्य नहीं मिले
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह का ग्रह अपनी सतह पर पानी बनाए रखने में सक्षम हो सकता है। हालांकि फिलहाल इस पर पानी या जीवन के साक्ष्य नहीं मिले हैं। बौने लाल सितारे अन्य तारों की तुलना में ठंडे होते हैं और काफी हल्के प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं। इससे उनका अध्ययन चुनौतीपूर्ण है। हमारी आकाशगंगा में तीन-चौथाई तारे सूर्य से छोटे हैं।
एक और एक्सोप्लैनेट
वैज्ञानिक रॉस 508 बी को एक्सोप्लैनेट बता रहे हैं। ऐसे ग्रह, जो सूर्य के अलावा अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं, एक्सोप्लैनेट कहलाते हैं। वैज्ञानिक अब तक कई ऐसे एक्सोप्लैनेट की खोज कर चुके हैं, जो पृथ्वी की तरह चट्टानी हैं। हालांकि विस्तृत शोध में वहां जीवन की संभावनाएं नजर नहीं आईं, क्योंकि ऐसे कई ग्रहों का तापमान बहुत ज्यादा है।