खुद डॉक्टर होने के कारण पूरी तरह से न्यूट्रिशन वाला खाना खाते थे, रेगूलर हैल्थ चैकअप कराते थे, फिर भी इस तरह से वे दुनिया को अलविदा कह गए हैं। डेढ़ साल में इस तरह से जयपुर में ही करीब पांच डॉक्टर्स की जान जा चुकी है। सभी डॉक्टर फिट थे और रेगूलर व्यायाम करते थे। कोरोना के बाद अचानक कार्डियेक अरेस्ट या दिल का दौरान पड़ने के कारण मौतों की संख्या बढ़ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार आरआरसी विभाग में प्रोफेसर पांडेय पूरी तरह से फिट थे। लेकिन फिर भी उनकी इस तरह से मौत होना उनके साथी डॉक्टर्स और मेडिकल डिर्पाटमेंट के लिए हैरान करने वाला है। डेढ़ साल के दौरान इस तरह के मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ दिन पहले जयपुर में चौदह साल के बच्चे को दिल का दौरा आया था। वह अपनी कक्षा में जा रहा था और इसी दौरान नीचे गिर पड़ा। उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गई।
उसकी मौत से परिवार सदमे में है। डॉक्टर पांडेय की तरह सही डेढ़ साल के दौरान डॉक्टर सौरभ माथुर, अरूण गर्ग, राजाराम, आरके गुप्ता और जितेन्द्र कुमार अपनी जान गवां चुके हैं। ये तमाम सीनियर डॉक्टर थे और अपने अपने फील्ड के मास्टर थे।