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जयपुर

कोरोना का असर: गोविंददेव जी के दरबार में Online लगाई हाजिरी, गलता तीर्थ पर डुबकी नहीं लगा सके श्रद्धालु

कार्तिक मास का आगाज आज से
आम दर्शनार्थियों के लिए 30 नवंबर तक बंद रहेगा गोविंद देव जी मंदिर

जयपुरOct 31, 2020 / 06:57 pm

SAVITA VYAS

कोरोना का असर: गोविंददेव जी के दरबार में Online लगाई हाजिरी, गलता तीर्थ पर डुबकी नहीं लगा सके श्रद्धालु

कोरोना का असर: गोविंददेव जी के दरबार में Online लगाई हाजिरी, गलता तीर्थ पर डुबकी नहीं लगा सके श्रद्धालु

जयपुर। छोटी काशी में द्वितीय आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शरद पूर्णिमा का पर्व शनिवार को कई संयोगों के बीच मनाया जा रहा है। शास्त्रानुसार इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त रहेगा। इस दौरान चंद्रमा की शीतल चांदनी में चावल और दूध से निर्मित औषधीय खीर रात में और सुबह भक्तों को वितरित की जाएगी। हालांकि पूर्णिमा तिथि शुक्रवार को लगने से कुछ जगहों पर खीर बनाकर एक दिन पूर्व चांदनी रात में खीर रखकर भगवान को भोग लगाया गया।
पूर्णिमा के साथ कार्तिक स्नान करने की शुरुआत हुई। कोरोना के चलते भक्तों की गलता सहित अन्य सरोवरों में भीड़ नजर नहीं आई। आज शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में ठाकुर जी पंचामृत अभिषेक कर धवल पोशाक धारण कराई गई। सफेद पुष्पों से शृंगार कर श्वेत भोज्य पदार्थों का भोग लगाया गया। शहर आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में सुबह भगवान के समक्ष शरद खाट विराजमान कर सफेद पुष्पों से शृंगार किया गया। साथ ही श्वेत मनमोहक पोशाक धारण करवाई गई। शाम 8 से 8.15 बजे तक महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में विशेष झांकी सजाई जाएगी। रविवार से आमजन के खान-पान में बदलाव के साथ मंदिरों में देवों के सेवा भोग में परिवर्तन होगा। गर्भगृह में शरद का खाट सजाया जाएगा। इस दौरान दूध, पान व इत्र श्रीजी की सेवा में अर्पित किए जाएंगे। साथ ही शीतल चांदनी में रखी खीर और खीरसा का भोग अर्पण किया जाएगा। मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में विशेष धवल पोशाक प्रथम पूज्य को धारण करवाई गई।
511 किलो दूध की बनेगी खीर

दक्षिणमुखी बालाजी मंदिर हाथोज धाम में स्वामी बालमुकुंदाचार्य के सान्निध्य में भक्तों को 511 किलो दूध, 111 किलो चावल, 105 किलो बूरे से तैयार की गई खीर वितरित की जाएगी। इसके साथ अन्य कार्यक्रम होंगे। स्वामी ने बताया कि रात 12.15 बजे भोग लगाया जाएगा। इससे पूर्व पवनपुत्र और भगवान सीताराम का अभिषेक किया गया। जयलाल मुंशी का रास्ता स्थित प्रेमभाया मंडल समिति की ओर से युगल कुटीर में प्रेमभाया सरकार को नवीन धवल पोशाक धारण करवाकर ऋ तु पुष्पों से शृंगार कर खीर का भोग लगाया जाएगा। विधाणी आश्रम से जुड़े नींदड़ के चेतन पर्वत स्थित सीतारामजी और आस-पास के मंदिरों में दूध से खीर तैयार की जाएगी। सुभाष चौक स्थित सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में ठाकुर राधा सरस बिहारी को पदों से रिझाया जाएगा। साथ ही श्वेत चंद्रिका सहित विभिन्न आभूषण धारण कराए जाएंगे। भक्तों का प्रवेश निषेध रहेगा। लक्ष्मी नारायण स्मृति संस्थान की ओर से मानसरोवर स्थित ओमाश्रय सेवाधाम परिसर में आरोग्यकारी चंद्रमा की चांदनी व औषधि युक्त खीर वितरित की जाएगी। आयुर्वेद से जुड़ी कई संस्थाओं की ओर से खीर का वितरण किया जाएगा। चांदनी चौक स्थित आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर, रामगंज बाजार स्थित मंदिर में तीन दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव का आगाज महंत संजय गोस्वामी के सान्निध्य में होगा। इसके साथ ही अक्षयपात्र मंदिर व अक्षरधाम मंदिर में विशेष झांकी दर्शन होंगे।
यहां शुक्रवार को हुए कार्यक्रम

खोले के हनुमान जी मंदिर में पवनपुत्र के समक्ष चांदनी रात में रखी खीर का भोग लगाकर भक्तों को प्रसादी वितरित की गई। इस दौरान पवनपुत्र को विशेष पोशाक धारण करवाई गई। घाट के बालाजी मंदिर में महंत स्वामी सुदर्शनाचार्य के सान्निध्य में विशेष झांकी सजाकर खीर का भोग लगाया। अंत में महाआरती की गई।

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