मुस्लिम बहुल इलाकों में बारावफात की तैयारियों के चलते घर-घर और गली-गली को इस्लामिक झंडे और हरी झंडियों से सजाया गया है। एेसे में अकीदमंदों ने घरों और मस्जिदों में कुरान-पाक पढ़ा और देर रात तक चले जलसों में उलेमाओं ने पैगम्बर साहब के बारे में तफ्सील से रोशनी डाली। इस मौके पर घरों में पकवान भी बनाए गए और गरीबों, मिस्कीनों को खाना और जरूरत की चीजें भी बांटी गई। गौरतलब है कि बारावफात का मुबारक दिन पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन के बारे में कहा जाता है कि पैगम्बर हजरत मोहम्मद के जन्म लेने पर मक्का शहर में नूर फैल गया।
ईद मिलादुनन्बी के जुलूस के समापन पर यहां कर्बला में सुन्नी दावत-ए- इस्लामी के राज्य प्रमुख सैय्य्यद मुहम्मद कादरी ने कहा कि भारत आज दुनिया में सूफीवाद का सबसे प्रेरक स्थल है और इस्लामी जगत में अमन के लिए उन्हें भारत के बरेली आंदोलन से सीखना चाहिए। भारत का सूफीमत पूरी दुनिया को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इस मौके पर
मीलाद बोर्ड, मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया, वाहिद मेमोरियल सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सभा में मुफ्ती अब्दुल सत्तार रजवी, उप मुफ्ती खालिद अय्यूब मिस्बाही, मीलाद बोर्ड के हाजी रफत और सुन्नी दावत-ए- इस्लामी के शकील अशरफी के अलावा सैकड़ों उलेमा और सैकड़ों लोगों ने शिरकत की।