scriptFact Check : मरकज का नहीं, मुंबई का दो साल पुराना वीडियो अब गलत तरीके से वायरल | Fact Check: Not for Markaz, two-year-old video is incorrectly viral | Patrika News
जयपुर

Fact Check : मरकज का नहीं, मुंबई का दो साल पुराना वीडियो अब गलत तरीके से वायरल

मुस्लिम युवकों के बर्तन चाट कर कोरोना फैलाने का दावा, दावा- निजामुद्दीन के मरकज में किया गया ऐसा, सोशल मीडिया पर यूजर्स कर रहे पोस्ट शेयर, सच : भोजन बचाने का संदेश देने के लिए बोहरा समाज की पहल, जानें इस वायरल पोस्ट की पूरी सच्चाई
 

जयपुरApr 04, 2020 / 07:48 pm

Gaurav Mayank

Fact Check : मरकज का नहीं, मुंबई का दो साल पुराना वीडियो अब गलत तरीके से वायरल

Fact Check : मरकज का नहीं, मुंबई का दो साल पुराना वीडियो अब गलत तरीके से वायरल

सोशल मीडिया पर किसी फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया जाता रहता है। वहीं किसी पुरानी फोटो और वीडियो को नया बताकर भी उसे शेयर किया जाता है। कई बार सच्चाई कोसों दूर होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग बिना सच जाने उसे वायरल करते रहते हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो फिर से वायरल हो रहा है। वायरल क्लिप में आप कुछ युवकों को जूठे बर्तनों के इर्द-गिर्द बैठे देख सकते हैं। वेशभूषा से ये युवक मुस्लिम समुदाय के लगते हैं। वीडियो में इन युवकों को जूठे बर्तनों को चाट कर साफ करते देखा जा सकता है। वीडियो के साथ एक मैसेज है, जिसमें लिखा गया है ‘निजामुद्दीन के मरकज में देखो क्या हो रहा है.. शर्मनाक.. कहीं ये साजिश तो नहीं”।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच की तो पता चला कि यह दावा गलत है। इस पोस्ट की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई। हमें जांच में पता चला कि यह वीडियो पुराना है और बर्तनों को जूंठा नहीं किया जा रहा, बल्कि धोने से पहले बर्तनों में भोजन न बचें, इसके लिए इस तरह साफ किया जा रहा है। यह बोहरा समुदाय के मुसलमानों की ओर से अपनाया गया एक प्रतीकात्मक अभ्यास है। वायरल क्लिप का हाल ही में हुए निजामुद्दीन मरकज से या फिर फिलहाल फैल रहे कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है।
यह हो रहा वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इसमें से एक दावे में लिखा है कि “निजामुद्दीन के मरकज में देखो क्या हो रहा है.. शर्मनाक.. कहीं ये साजिश तो नहीं”। वहीं दूसरे दावे में कहा गया है कि “मस्जिदों में छुपे मुसलमान खाली बर्तनों को जूंठा करते हुए, ताकि ज्यादा से ज्यादा ये महामारी फैल सके…. ये पहले से ही कोरोना वायरस से ग्रसित हैं, ये लोग यह जानते हैं। सरकार इन्हें पकड़ के इलाज करा रही है, आखिर क्यों… भारत में कोरोना फैल नहीं रहा है, बल्कि फैलाया जा रहा है। इस वीडियो को फेसबुक पर अब तक करीब 24 हजार लोग देख चुके हैं। वहीं करीब 2 हजार लोग शेयर कर चुके हैं।
जांच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच शुरू की। आपको बता दें कि यह वीडियो हाल ही में नई दिल्ली में हुए तब्लीगी जमात के मरकज के बाद दोबारा वायरल हुआ है। हाल ही में दुनियाभर से तब्लीगी जमात मरकज में शिरकत करने करीब 3000 लोग दिल्ली स्थित निजामुद्दीन पहुंचे थे। इनमें से कई लोग कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव टेस्ट हुए हैं। मरकज में भारत और दुनियाभर से काफी लोग आए थे। इनमें से कई लोग भारत में 24 मार्च से हुए लॉकडाउन के बाद से निजामुद्दीन एरिया में ही फंसे रह गए।
इस वीडियो की जांच के लिए राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस वीडियो के कीफे्रम्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया और एक वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट वीमियो पर हमें यह वीडियो मिला। यह वीडियो वर्ष 2018 में अपलोड किया गया था। वीडियो के साथ एक कैप्शन भी है, जिसमे इन युवकों को बोहरा समुदाय का बताया गया है। वहीं न्यूज सर्च में पता चला कि “यह वीडियो एक डेमोंस्ट्रेशन था, जो करीब 3 साल पहले मरोल मुंबई में किया गया था, ताकि लोगों को खाना बचाने के बारे में समझाया जा सके। वहीं एक लेख में मिला कि यह वीडियो 3 अगस्त 2018 को प्रकाशित हुआ था। लेख में दाउदी बोहरा समाज के एक धर्मगुरु ने बताया कि “बोहरा समाज में परंपरा है कि अन्न का एक भी दाना बर्बाद न हो, इसके लिए बोहरा समुदाय में दाना कमेटियां बनाई है। इसके जरिए बच्चों को खाने की बर्बादी रोकनी की सीख दी जाती है। ये वीडियो भी ऐसी किसी कमेटी का है, जिसमें खाने के बाद बर्तनों को साफ किया जा रहा है।” इसके बाद हमने इस समुदाय के दाना समिति के सोशल मीडिया हैंडल्स में कई पोस्ट देखे, जिसमें समूह खाना बर्बाद न करने के लिए जागरूकता फैलाते नजर आते हैं। वहीं यह वीडियो कई दावों के साथ व्हाट्सएप, फेसबुक और यूट्यूब पर वायरल है।
सच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच शुरू की। हमने पाया कि वीडियो में दाउदी बोहरा समुदाय के लोगों का एक प्रतीकात्मक अभ्यास है। यह खाना खाने के बाद बर्तन धोने से पहले किया जाता है, न की खाना शुरू होने के पहले”। इस वीडियो का दिल्ली के निजामुद्दीन से कोई संबंध नहीं है।

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