scriptफैक्ट चैक : मक्का-मदीना में देखा गया शिवलिंग नहीं, गलत दावा वायरल | Fact Check: Shivalinga not seen in Mecca-Medina, wrong claim viral | Patrika News
जयपुर

फैक्ट चैक : मक्का-मदीना में देखा गया शिवलिंग नहीं, गलत दावा वायरल

मक्का मदीना में शिवलिंग दिखने की पोस्ट वायरल, दावा- इतिहास में पहली बार यहां दिखा शिवलिंग, सोशल मीडिया पर यूजर्स कर रहे पोस्ट शेयर, सच : रुक्न-ए-यमनी है,काबा का एक कोना, जानें इस वायरल पोस्ट की पूरी सच्चाई

जयपुरMay 28, 2020 / 06:31 pm

Gaurav Mayank

फैक्ट चैक : मक्का-मदीना में देखा गया शिवलिंग नहीं, गलत दावा वायरल

फैक्ट चैक : मक्का-मदीना में देखा गया शिवलिंग नहीं, गलत दावा वायरल

सोशल मीडिया पर किसी फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल कर दिया जाता है। वहीं किसी पुरानी फोटो और वीडियो को नया बताकर भी उसे शेयर किया जाता रहता है। कई बार सच्चाई कोसों दूर होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग बिना सच जाने उसे वायरल करते रहते हैं।
एक तस्वीर कई महीनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसके साथ मक्का-मदीना के बारे में एक फर्जी दावा किया जा रहा है। तस्वीर में मुस्लिमों से घिरा एक पत्थर देखा जा सकता है। इसके साथ दावा है कि यह एक शिवलिंग है, जो मक्का मदीना में पहली बार लोगों को दिखाया गया। राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच की तो पता चला कि यह दावा गलत है। पोस्ट की जांच में सच्चाई सामने आई कि तस्वीर में दिख रहा पत्थर दरअसल काबा का एक कोना है, जिसे रुक्न-ए-यमनी कहते हैं। इसे इस्लाम में पवित्र माना जाता है। यह तस्वीर कई महीनों से वायरल हो रही है और दावा हर वक्त एक जैसा किया गया है।
यह हो रहा वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के साथ कैप्शन लिखा है “इतिहास में पहली बार मक्का मदीना का शिवलिंग दिखाया गया। कोई भी चुके नहीं- हर हर महादेव लिखने से”। यह दावा कई बार सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।
जांच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने सोशल मीडिया पर इस वायरल दावे की जांच शुरू की। हमने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि ये दरअसल रुक्न-ए-यमनी के नाम से जाना जाता है। रुक्न-ए-यमनी या यमन का कोना, असल में काबा की दीवार का वो कोना है, जो उसके दक्षिण-पश्चिमी छोर पर स्थित है। काबा की परिक्रमा करते समय इसका स्पर्श करना पवित्र माना जाता है। इसके बाद हमने रुक्न-ए-यमनी कीवड्र्स के साथ खोज की और पाया की कई यूट्यूब चैनल हैं, जहाँ वीडियोज में इसी जगह को दिखाया गया है। यह वीडियोज कई सालों के दौरान अपलोड किए गए हैं। कहीं भी इसके शिवलिंग होने जैसी बात नहीं लिखी है। आगे खोज करने पर हमें सी.आई.सी. सऊदी अरब नामक एक वेरीफाइड ट्वीटर हैंडल मिला। यह सेंटर ऑफ इंटरनेशनल कम्यूनिकेशन का हैंडल है, जो सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मुख्य भूमिका निभाता है। इस हैंडल पर हमें एक मैप मिला, जिसमें इस कोने की अहमियत बताई गई है। वायरल तस्वीर में दिख रहा पत्थर शिवलिंग नहीं है, बल्कि इसे येमेनी कोना कहा जाता है। इस कोने के अलावा तीन और कोनों की अहमियत के बारे में भी इस मैप में बताया गया है।
सच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम को जांच में पता चला कि मक्का मदीना में शिवलिंग के नाम से वायरल फोटो काबा का रुक्न ए यमनी है। यह इसका स्पर्श पवित्र माना जाता है। मक्का मदीना में शिवलिंग दिखने का दावा गलत है।

Home / Jaipur / फैक्ट चैक : मक्का-मदीना में देखा गया शिवलिंग नहीं, गलत दावा वायरल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो