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जयपुर। यदि आप निजी बसों में सफर कर रहे हैं तो पहले बस की पड़ताल कर लें। कारण जयपुर में फर्जी बसों का संचालन हो रहा है। न परिवहन विभाग के पास इनका कोई रिकॉर्ड है, न ही वाहन कंपनियों के पास कोई डेटा है। जुगाड़ के सहारे तैयार बसें फर्जी नंबर प्लेट और चेचिस नंबर लगाकर दौड़ाई जा रही हैं।
ये बसें कहीं दुर्घटनाग्रस्त हो जाए तो यात्रियों को बीमा तक नसीब नहीं होगा। आरटीओ प्रथम और द्वितीय की ओर से सड़क सुरक्षा के तहत कार्रवाई की जा रही हैं। ऐसी बसों को सीज किया जा रहा है।
आरटीओ द्वितीय के परिवहन निरीक्षक राजेश चौधरी के अनुसार सड़क सुरक्षा के तहत आरटीओ की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई के दौरान अधिकतर बसें ऐसी ही सामने आ रही हैं। कार्रवाई के बाद आरटीओ की ओर से बसों के चेचिस नंबर का मिलान कंपनी के डेटा से करवाया जा रहा है। लेकिन हकीकत कुछ और ही सामने आ रही है। बस में जो चेचिस नंबर लगा है उस नंबर से कोई वाहन कंपनी से जारी नहीं किया गया।
शहर मेें जितनी भी बसें संचालित हो रही हैैं, वे अधिकतर दूसरे राज्यों की हैं। दरअसल, इन बस संचालकों ने राजस्थान में टैक्स बचाने के लिए दूसरे राज्यों में बसों का रजिस्ट्रेशन करा लिया। अधिकतर बसें आंध्रप्रदेश और नागालैंड की हैं। इन राज्यों में रोड टैक्स कम हैं।
जांच अभियान के दौरान बिना चेचिस की बसें सीज की जा रही हैं। ये बसें अवैध हैं। हमने ऐसी बसों के खिलाफ 11 एफआइआर दर्ज करवाई है। -संजय शर्मा, डीटीओ आरटीओ द्वितीय
Updated on:
18 Jan 2025 09:41 am
Published on:
18 Jan 2025 09:40 am
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