निदेशक (जनस्वास्थ्य) डॉ. वीके माथुर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान दोनों जगह न तो फूड सेफ्टी डिस्पले बोर्ड था, न खाद्य सामग्री बनाने में स्वच्छता का ध्यान रखा जा रहा था। एमडी रोड स्थित दुकान पर टैंकर के पानी से मिठाई-नमकीन बनाई जा रही थी। दुकान का फूड लाइसेंस भी नहीं था। संचालक को फूड लाइसेंस बनने तक खाद्य सामग्री नहीं बनाने-बेचने के लिए पाबंद किया गया। एमडी रोड स्थित निर्माण इकाई में फर्श टूटा हुआ था, दीवारों पर टाइलें नहीं थीं। सभी जगह जाले लगे हुए थे। नॉन एडिबल हाइड्रो (सोडियम हाईड्रो सल्फाइट) काम में लिया जा रहा था। एक्सपायर पुदीना पाउडर और केसरी कलर काम में लिए जा रहे थे। लोहे की जालीदार जंग लगी अलमारियों में मिठाइयां रखी हुई थीं।
ये कमियां भी मिलीं
स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. सुनील सिंह ने बताया कि राजापार्क स्थित दुकान के किचन का फर्श टूटा हुआ एवं गन्दा था। किचन की दीवार पर जाले लगे हुए थे। चिमनियां खराब एवं गंदी थीं। खाद्य पदार्थ प्लास्टिक के गंदे डिब्बों में रखे हुए थे। पिज्जा बेस और ब्रेड के पैकेट पर उपयोग की अंतिम तिथि अंकित नहीं थी। पुन: काम में नहीं ली जाने वाली पानी की बोतलों में सुगर सिरप रखा हुआ था। फूड हैंडलर्स ने कैप नहीं पहनी हुई थी। निरीक्षण के बाद दोनों स्थानों से पनीर एवं वेजिटेवल मंचूरियन का एक-एक नमूना लिया गया। दोनों प्रतिष्ठानों को धारा 32 के तहत नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही ये कमियां दूर करने तक संचालक को खाद्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय नहीं करने के लिए पाबंद किया गया।