आईओ देवेंद्र सिंह के अनुसार हमले के बाद से पुलिस आरोपी को तलाश रही थी। इसी बीच आरोपी ने 9 से 19 जून के बीच पीडि़त के मोबाइल पर कई बार फोन कर धमकाया। खुद को पूर्व में फायरिंग करने वाला बता 10 लाख की मांग की। उसका कहना था कि फिरौती की रकम नहीं मिली तो वह पीडि़त के परिवार को मौत के घाट उतार देगा।
डीसीपी अशोक गुप्ता के अनुसार मामले की पड़ताल में सामने आया कि आरोपी यूपी की सिम से कॉल कर रहा था। इस तरह की वारदात करने वालों पर नजर रखी गई। उसकी तलाश में टीमें भरतपुर, दौसा, यूपी भेजी गईं। इस दौरान सूचना मिली कि वह साथी से मिलने मुहाना आया हुआ तब पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उसने बताया कि उसने साथी की मदद से शहर में एक माह तक कई ज्वैलर्स की रैकी की थी। बाद में डीसीएम रोड स्थित भानुका ज्वैलर्स को वारदात के लिए उपयुक्त मानते हुए वहा गोली चलाना तय किया। इसके बाद वे दोनों चोरी की बाइक से मौके पर पहुंचे। ज्वैलर के शोरूम से बाहर आते ही हमलावरों ने गोली चला दी। लेकिन गोली कार का शीशा तोड़ती हुई ज्वैलर के पास से होती हुई दूसरी खिड़की में धंस गई। हालांकिउन्होंने समझा कि गोली ज्वैलर को लग गई। इसके बाद वे 200 फीट बायपास होते भाग छूटे।
एडीसीपी रतन सिंह, एसीपी रामावतार सोनी, एसएचओ राजेंद्र रावत, एसआई देवेंद्र सिंह, हेमेंत सिंह महिपाल सिंह, अजीराम, नटवर सिंह, रणवीर सिंह