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जयपुर

कृषि भूमि पर बजरी खनन हो सकेगा, हाईकोर्ट ने हटाई रोक

प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बजरी खनन पर पिछले एक साल से लगी रोक के बीच राहत की खबर है। हाईकोर्ट ने कृषि भूमि पर लीज व शॉर्ट टर्म परमिट से बजरी खनन पर लगी रोक हटा दी।

जयपुरNov 28, 2018 / 10:54 pm

Nitin Sharma

mining department

bajari

प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बजरी खनन पर पिछले एक साल से लगी रोक के बीच राहत की खबर है। हाईकोर्ट ने कृषि भूमि पर लीज व शॉर्ट टर्म परमिट से बजरी खनन पर लगी रोक हटा दी। इस संबंध में संजय कुमार गर्ग की याचिका को भी खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांद्रजोग व न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने सरकार के कृषि भूमि पर शार्ट टर्म परमिट से बजरी खनन की अनुमति देने को सही करार देते हुए कहा कि जनसुविधाओं के प्रोजेक्ट नहीं राेक सकते।
कोर्ट ने कहा कि इस अादेश का नदी किनारों पर बजरी खनन करने से संबंधित केस से कोई संबंध नहीं है। यह केवल कृषि भूमि व सरकारी जमीन पर खनन के मामले से ही जुड़ा है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 3 मई 2018 के आदेश से कृषि भूमि पर बजरी खनन करने पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया था कि वन व पर्यावरण मंत्रालय की 15 जनवरी, 2016 की अधिसूचना और सुप्रीम कोर्ट के 16 नवंबर, 2017 के आदेश के अनुसार नदी के पास वाली कृषि भूमि पर पुनर्भरण का वैज्ञानिक अध्ययन हुए बिना खनन नहीं किया जा सकता। इस कारण सरकार के इस आदेश पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 16 नवंबर को प्रदेशभर में केन्द्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय से पर्यावरण स्वीकृति लिए बिना अदालत के पूर्व आदेश से 82 एलओआई होल्डर द्वारा किए जा रहे बजरी खनन पर रोक लगा दी थी। तब से इन लीज से प्रदेश में बजरी खनन पर रोक है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया था कि वह नदियों का सर्वे करवा कर शपथ पत्र सहित अध्ययन रिपोर्ट पेश करें।

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