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जयपुर

ग्रेटर में विकास की बयार से कांग्रेस साफ, हैरिटेज में आपसी विवाद में गंवा दी दो सीटें

ग्रेटर नगर निगम की पांच विधानसभा सीटों पर अब भाजपा के विधायक हैं। चुनाव से पहले भाजपा के पास तीन और कांग्रेस के खाते में दो विधानसभा सीटें थीं। हैरिटेज नगर निगम में आपसी विवाद कांग्रेस को भारी पड़ा। बोर्ड बनने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया। विधायक और महापौर में बनी नहीं। इस कारण सिविल लाइन्स और हवामहल विधानसभा क्षेत्र की सीट भी हाथ से निकल गई।
 

जयपुरDec 11, 2023 / 12:38 pm

Ashwani Kumar

ग्रेटर में विकास की बयार से कांग्रेस साफ, हैरिटेज में आपसी विवाद में गंवा दी दो सीटें

ग्रेटर में विकास की बयार से कांग्रेस साफ, हैरिटेज में आपसी विवाद में गंवा दी दो सीटें

ग्रेटर नगर निगम की पांच विधानसभा सीटों पर अब भाजपा के विधायक हैं। चुनाव से पहले भाजपा के पास तीन और कांग्रेस के खाते में दो विधानसभा सीटें थीं। हैरिटेज नगर निगम में आपसी विवाद कांग्रेस को भारी पड़ा। बोर्ड बनने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया। विधायक और महापौर में बनी नहीं। इस कारण सिविल लाइन्स और हवामहल विधानसभा क्षेत्र की सीट भी हाथ से निकल गई।

ग्रेटर निगम में ये विधानसभा सीटें
-विद्याधर नगर, झोटवाड़ा, सांगानेर, बगरू और मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत हुई। पिछले विधानसभा चुनाव में बगरू और झोटवाड़ा में कांग्रेस जीती थी।

हैरिटेज निगम में ये विधानसभा सीटें
-हैरिटेज निगम में आमेर, हवामहल, सिविल लाइन्स, किशनपोल और आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से सिविल लाइन्स और हवामहल विधानसभा क्षेत्र की सीट भाजपा ने जीती और आमेर सीट पर कांग्रेस की जीत हुई। हालांकि, आमेर सीट का कुछ हिस्सा हैरिटेज निगम में आता है।


कहां कितने के हुए विकास कार्य
सात जोन में बंटे ग्रेटर निगम के हर वार्ड को बराबर बजट मिला। विद्याधरनगर और सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा वार्ड होने का फायदा मिला और पैसा भी ज्यादा मिला। इसका फायदा भाजपा प्रत्याशी को चुनाव प्रचार के दौरान हुआ। हर वार्ड में प्रत्याशी के साथ पार्षद जरूर दिखाई दिए। इसके अलावा पिछले तीन वर्ष में तीन हजार किलोमीटर से अधिक का सड़कों का निर्माण भी कराया गया।

 

विधानसभा क्षेत्रकार्यादेश राशि (करोड़)सड़क निर्माण (किमी.)
विद्याधर नगर85.92781
सांगानेर53.51704
मालवीय नगर41.92585
जगतपुरा28.90506
झोटवाड़ा28.48555


शिलान्यास-उद्घाटन को लेकर ही रार
राज्य में सरकार और बोर्ड कांग्रेस का होने के बाद भी हैरिटेज नगर निगम के विधायकों और महापौर में अनबन ही रही। आए दिन शिलान्यास और उद्घाटन को लेकर रार होती रही। स्थिति यह हो गई थी कि कई जगह तो हाई मास्ट लाइट के उद्घाटन भी विधायकों ने किए।

विवाद का आलम ये
-हैरिटेज निगम का बोर्ड बने ढाई वर्ष से अधिक समय हो गया, लेकिन अब तक एक ही साधारण सभा की बैठक हुई है।
-अभी तक समितियों का गठन नहीं हो पाया है। पार्षदों ने समितियां बनाए जाने के लिए कई बार धरना भी दिया।

टॉपिक एक्सपर्ट
शहरी सरकार दें विकास कार्यों को गति
शहरी सरकारों के पास अपना बजट होता है और आय भी होती है। शहर के विकास की प्राथमिक जिम्मेदारी भी शहरी सरकारों को ही निभानी होती है। स्ट्रीट लाइट, सीवर लाइन से लेकर पार्कों के रख रखाव और घर-घर कचरा संग्रहण जैसे महत्वपूर्ण कार्य निगम के पास हैं। इसके अलावा सड़क निर्माण भी निगम करवाता है। ग्रेटर निगम के इस बोर्ड को देखें तो राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग भी नहीं मिला। इसके बाद भी विकास कार्य हुए हैं। वहीं, हैरिटेज निगम में विवादों का साया रहा। आपसी विवादों को छोड़कर दोनों नगर निगमों को विकास की गति बढ़ानी होगी।
-ओपी गुप्ता, पूर्व नगर निगम आयुक्त

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