हिम्मत सिंह ने नाम लिए बगैर विरोधी गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि गुर्जर समाज के अब तक के त्याग और बलिदान को ख़त्म करने की साज़िश की जा रही है। वर्तमान में गुर्जर समाज बड़े संक्रमण के काल से गुजर रहा है। एमबीसी के हज़ारों युवाओं के भविष्य का सवाल है, आन्दोलन के दौरान सैकड़ों मुक़दमे लगे हैं, हज़ारों लोग प्रभावित हैं। अब समय आ गया हमारी एकता दिखाने का।
बैंसला की महापंचायत से पहले एक अलग ही आंदोलन की रूपरेखा बनाने को उतरे गुर्जर नेता ने सरकार से समाज की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि समाज की पांच प्रमुख मांगें हैं। इनमें 6 मई 2010 को हुए समझौते के अनुसार सरकारी भर्तियों में 1.4 प्रतिशत के रिज़र्व पदों पर नियुक्ति दी जाए। इसके अलावा प्रक्रियाधीन 15 भर्तियों में 5% आरक्षण का पूरा लाभ दिया जाए। वहीं पिछले आन्दोलन के दौरान शहीद हुए तीन लोगों के परिवारों का पुनर्वास, दर्ज मुकदमे वापस लेने और देवनारायण योजना की क्रियान्वित की मांग शामिल है।