दरअसल, याचिका पर राज्य सरकार का जवाब और उस पर याचिकाकर्ता का प्रत्युत्तर रिकॉर्ड पर नहीं आने के कारण मंगलवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की नई तारीख दी। इस मामले में न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने अरविन्द शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में इसी साल अति पिछड़ा वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए लागू कानून को चुनौती दी गई है।
प्रार्थीपक्ष की ओर से इस मामले में कोर्ट को बताया गया है कि 5 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के कारण प्रदेश में कुल आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जिस कारण पहले भी हाईकोर्ट इस तरह के आरक्षण को रद्द कर चुका है।
उधर, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पूर्व न्यायाधीश एस के गर्ग की हाई पॉवर कमेटी के अध्ययन के आधार पर यह आरक्षण दिया गया है, जो गलत नहीं है। दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट को बताया कि सरकार इस मामले में जवाब पेश कर चुकी है और याचिकाकर्ता उस पर पक्ष पेश कर चुका है। कोर्ट ने इनको रिकॉर्ड पर लेने और याचिका में रजनीश गुर्जर को पक्षकार बनाने का आदेश दिया।