वहीं मनोहरपुर कस्बा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने से आए दिन हादसे होते रहते हैं। इससे सड़क दुर्घटना व झगड़े में घायलों की एमएलसी रिपोर्ट बनवाने के लिए भी पुलिस को परेड करनी पड़ती है। कई बार तो घायल को समय पर उपचार नहीं मिलने पर जान पर बन आती है। क्योंकि झगड़े एवं दुर्घटना में घायल व्यक्ति का उपचार पुलिस आने के बाद ही शुरू किया जाता है।
वहीं पेंशनर्स एवं सरकारी कर्मचारियों को मेडिकल अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार भी सरकारी चिकित्सक को ही है। गौरतलब है कि सरकार ने १ अगस्त 2015 को मनोहरपुर सीएचसी को निम्स प्रबंधन को सुपु़र्द की थी। उस समय यहां डॉ. सतीश कुमार चौधरी कार्यरत थे, लेकिन उनका पीजी में चयन हो जाने से मई 2016 के बाद से पद रिक्त चल रहा है।
—मुकेश शुक्ला, प्रभारी निम्स प्रबंधन, राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय
—डॉ. विनोद योगी,
बीसीएमएचओ, शाहपुरा