यह भी पढे: सेहत सुधारो सरकार … दावों की खुल रही पोल राजस्थान पत्रिका के ‘सेहत सुधारो सरकार’ अभियान के तहत चौमूं-जालसू संपर्क सड़क स्थित इस ग्राम पंचायत में पड़ताल की गई, तो सामने आया कि विधायक शर्मा के प्रयासों से यहां सरकारी विधालय, सड़क, पशु उपकेन्द्र की सुविधाएं तो मिली लेकिन सेहत के लिए कोई प्रयास नहीं हुए। पांच हजार की आबादी वाला यह गांव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चौमूं के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र या फिर सिरसिली स्थित आयुर्वेदिक औषधालय की ओर ताकता है। बिहारीपुरा गांव से चौमूं सीएचसी की दूरी लगभग 6-7 किलोमीटर है। सिरसिली औषधालय भी यहां से लगभग 3 किमी दूर है। देवगुढ़ा सीएचसी 12-13 किलोमीटर दूर है। ऐसे में ग्रामीण इलाज के लिए चौमूं या सिरसिली की राह पकड़ते हैं। बुखार, जुकाम आदि के लिए भी ग्रामीणों को चौमूं सीएचसी आना पड़ता है। इस पंचायत से आसपास के 12 से 15 छोटे गांव और ढाणियां भी जुड़ी हुई हैं।
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झोलाछाप के चंगुल में ग्रामीण
सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते यहां आसपास कई झोलाछाप भी सक्रिय हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मजबूरी में तत्काल राहत के लिए इनका ही दरवाजा खटखटना पड़ता है। ग्राम निवासी कृष्ण और जगदीश यादव ने बताया कि जब कभी बुखार या जुकाम-खांसी होती है, तो चौमूं न जाकर झोलाछापों की शरण लेनी पड़ती है। गांव के ही राधाकिशन ने बताया कि चौमूं विधायक से कई बार गांव में सरकारी डॉक्टर की व्यवस्था के लिए कहा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
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सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते यहां आसपास कई झोलाछाप भी सक्रिय हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मजबूरी में तत्काल राहत के लिए इनका ही दरवाजा खटखटना पड़ता है। ग्राम निवासी कृष्ण और जगदीश यादव ने बताया कि जब कभी बुखार या जुकाम-खांसी होती है, तो चौमूं न जाकर झोलाछापों की शरण लेनी पड़ती है। गांव के ही राधाकिशन ने बताया कि चौमूं विधायक से कई बार गांव में सरकारी डॉक्टर की व्यवस्था के लिए कहा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
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उप स्वास्थ्य केन्द्र तक नहीं
गोविंदगढ़ ब्लॉक में पांच हजार की आबादी वाले कई गांवों में उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। इतना ही नहीं यहां कुशलपुरा, ढोढ़सर, सिंगोद, हस्तेड़ा सहित नौ पीएचसी भी हैं और इनकी आबादी पांच से अधिक है, लेकिन आमेर तहसील के बिहारीपुरा में इतनी आबादी होने के बावजूद उप स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है। यहां दसवीं कक्षा तक राजकीय विधालय है। पशु उपकेन्द्र भी है, लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र नहीं।
गोविंदगढ़ ब्लॉक में पांच हजार की आबादी वाले कई गांवों में उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। इतना ही नहीं यहां कुशलपुरा, ढोढ़सर, सिंगोद, हस्तेड़ा सहित नौ पीएचसी भी हैं और इनकी आबादी पांच से अधिक है, लेकिन आमेर तहसील के बिहारीपुरा में इतनी आबादी होने के बावजूद उप स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है। यहां दसवीं कक्षा तक राजकीय विधालय है। पशु उपकेन्द्र भी है, लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र नहीं।