न्यायाधीश ,मोहम्मद रफीक व अवकाशकालीन न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खण्डपीठ ने राजस्थान विश्वविद्यालय की अपील को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। 15 अप्रेल को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने विवि की 3 अप्रेल 19 की उस अधिसूचना की पालना पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत कॉलेजों के आधारभूत ढांचा व उनके शिक्षकों की पात्रता के बारे में निरीक्षण करने का प्रावधान किया गया था।
एकलपीठ ने 27 मई को 3 अप्रेल के आदेश को संशोधित करने से इनकार करते हुए कहा कि अंतिम निर्णय ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद कर लिया जाएगा। एकलपीठ ने विवि से पीटीईटी समन्वयक को पात्र संस्थाओं के लिए छात्र-छात्रा आवंटित करने को कहा।
राजस्थान विश्वविद्यालय को कोर्ट के इस फैसले से आंशिक राहत मिली है। कोर्ट की एकलपीठ ने आदेश दिए हैं कि जिन बीएड कॉलेज को तीन वर्ष से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला है उन बीएड कॉलेजों में नए सत्र में प्रवेश दें। साथ ही ऐसी कॉलेज को काउंसलिंग में शामिल करने के भी आदेश दिए हैं। बता दें कि पूर्व में एकलपीठ ने बगैर निरीक्षण के काउंसलिंग के आदेश दिए थे।