scriptकैसे घटे जंक्शन का भार… खातीपुरा को सेटेलाइट स्टेशन बनाकर भूले, अन्य से भी किनारा | How to reduce the load of the junction... | Patrika News
जयपुर

कैसे घटे जंक्शन का भार… खातीपुरा को सेटेलाइट स्टेशन बनाकर भूले, अन्य से भी किनारा

रेलवे एक्सपर्ट बोले, दिल्ली के स्टेशनों की तर्ज पर जयपुर के छोटे स्टेशनों से ट्रेनों का शुरू हो संचालन

जयपुरFeb 12, 2024 / 12:50 am

GAURAV JAIN

photo_2024-02-11_20-44-52.jpg

 

केंद्र सरकार भले ही राजस्थान को इस बार अच्छा रेल बजट आवंटित करने का दावा कर रही है, लेकिन सच्चाई कुछ और है। राजधानी के लाखों यात्री रेल सुविधाओं से वंचित है। इसका उदाहरण खातीपुरा रेलवे स्टेशन है। रेलवे ने करीब 150 करोड़ रुपए खर्च कर खातीपुरा रेलवे स्टेशन को प्रदेश का पहला सेटेलाइट स्टेशन बनाया। दस माह बाद भी यहां से स्पेशल ट्रेनों को छोड़कर अन्य मेल, सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं हो सका है। जबकि इसे दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन की तर्ज पर विकसित किया गया है। अफसरों की अनदेखी के चलते स्टेशन के आसपास बसी लाखों की आबादी के लिए यह उपयोगी साबित नहीं हो रहा है।


स्टेशनों की अनदेखी
राजधानी में जयपुर जंक्शन, गांधीनगर, दुर्गापुरा, ढेहर के बालाजी, सांगानेर, खातीपुरा, कनकपुरा और गैटोर-जगतपुरा समेत कुल आठ रेलवे स्टेशन है। इनमें केवल जयपुर जंक्शन से ही टर्मिनल स्टेशन की तरह ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन अन्य सातों रेलवे स्टेशन की अनदेखी हो रही है।


तो 50 फीसदी तक घट जाएगा यात्री भार
रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी के छोटे स्टेशनों से टर्मिनल स्टेशन की तर्ज पर ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाए तो जयपुर जंक्शन पर यात्री भार 50 फीसदी तक घट जाएगा। साथ ही सड़कों से वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। ये सभी स्टेशन घनी आबादी क्षेत्र में हैं। इसके बावजूद लाखों लोग करीबी रेलवे स्टेशनों की बजाय जयपुर जंक्शन से सफर करने को मजबूर है। जंक्शन पर आवाजाही के लिए लोग स्वयं के वाहन या कैब टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं।


यह होता है टर्मिनल स्टेशन

वह स्टेशन जहां रेलवे ट्रैक समाप्त हो जाए या उस स्टेशन के आगे कोई ट्रैक (पटरी) न हो तो उस स्टेशन को टर्मिनल या टर्मिनस कहा जाता है। इस स्टेशन के बाद में रेल को उसी दिशा में जाना पड़ता जिस दिशा से वह आई हो। जैसे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, बांद्रा टर्मिनल आदि। राजधानी के छोटे स्टेशनों पर इसी तर्ज पर ट्रेनों का संचालन शुरू किया जा सकता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो