फैक्ट्रियों के विरुद्ध होगी कार्रवाई
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी निरंतर सीईटीपी के सैंपल की जांच की निगरानी करने के साथ ही अवैध रूप से संचालित फैक्ट्रियों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे। साथ ही सिंचाई, कृषि, पेयजल, भूजल विभाग के अधिकारियों को एनजीटी के निर्देशों की पालना में सौंपे गए दायित्वों के संबंध में निरंतर कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश भी करनी होगी। इसके लिए जनवरी में दस सदस्यों की कमेटी पूरे कार्यों पर निगरानी रखेगी। साथ ही नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज करेगी।
ऑनलाइन स्काडा सिस्टम प्रभावी मंडल के सदस्य सचिव उदय शंकरने बताया कि वर्तमान समय में प्रदेश में स्काडा ऑनलाइन सिस्टम प्रभावी है। प्रदेश में विभिन्न जिलों से ही रिपोर्ट फिलहाल मिल पा रही है। कई जगहों पर प्लांट का अपग्रेडेशन कार्य भी प्रगति पर है। ज्यादातर जगहों से रिपोर्ट नहीं आने से कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं एसटीपी प्लांट में उपचारित पानी को फिर से काम में लिया जा रहा है। प्रदेश में जयपुर, पाली, भीलवाड़ा व चितौड़ सहित अन्य जगहों पर सबसे ज्यादा शिकायतें मिल रही हैं। यहां केमिकल युक्तपानी लाल-काला होता जा रहा है। इसे खुले में बहाकर पर्यावरण के लिए खतरा बन रहा है।
एनजीटी के आदेशों के बाद बोर्ड ने सीईटीपी प्लांट की कार्यशैली की निगरानी और अन्य रिपोर्ट समय पर उपलब्ध करवाने के लिए एक कमेटी गठित की है, जो निरंतर रूप से कार्यों की मॉनिटरिंग करेगी।
उदय शंकर, सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल