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जयपुर

डिनर के बहाने गहलोत-माकन के बीच राजनीतिक नियुक्तियों पर मंथन, दिवाली के बाद मिलेगा कार्यकर्ताओं को तोहफा

3 दर्जन से ज्यादा निगम-बोर्ड, आयोगों, यूआईटी और अकादमियों में होनी है नियुक्ति, विधायक और विधानसभा चुनाव लड़ चुके नेता नहीं होंगे राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट

जयपुरOct 28, 2021 / 01:46 pm

firoz shaifi

जयपुर। बुधवार रात जयपुर दौरे पर आए प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सीएम हाउस में डिनर के बहाने देर रात तक राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मंथन चला। इस दौरान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहे। सूत्रों की माने तो रात 10 बजे से डिनर के बहाने मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन के बीच तकरीबन 2 घंटे तक लंबी बैठक चली, जिसमें राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट होने वाले नामों को लेकर मंथन हुआ है।

हालांकि राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर पूरी कवायद पहले ही हो चुकी थी, लेकिन हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ बैठक में राजनीतिक नियुक्तियों की सूची को फाइनल करने के निर्देश दिए गए थे। इसी के चलते प्रदेश प्रभारी अजय माकन बुधवार रात जयपुर पहुंचे और सीधे मुख्यमंत्री गहलोत के आवास पर जाकर बैठक की।

दिवाली के बाद होंगी राजनीतिक नियुक्तियां
सूत्रों की माने तो दोनों नेताओं के बीच राज्य स्तरीय़ राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कवायद पूरी हो चुकी है। अब दीपावली के बाद प्रदेश स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां जैसे कि निगम-बोर्ड और आयोग की घोषणा हो सकती है।

विधायक और विधायक का चुनाव लड़ चुके नेता नहीं होंगे एडजस्ट
बताया जाता है कि गहलोत की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ हुई बैठक में इस बात पर भी फैसला लिया गया है कि कांग्रेस विधायकों और विधायक का चुनाव लड़ चुके नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट नहीं किया जाए। वहीं पार्टी के आम कार्यकर्ता और जिन नेताओं को टिकट नहीं मिल पाया था उन नेताओं को राज्य नियुक्तियों में एडजस्ट किया जाए।

पायलट कैंप के नेताओं को मिलेगी तवज्जो
राजनीतिक नियुक्तियों में सचिन पायलट के नेताओं को भी अहमियत दी जाएगी। साथ ही प्रदेश के अन्य नेताओं को भी राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करके जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बनाया जाएगा, जिससे कि 2 साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी पूरी शिद्दत के साथ चुनाव मैदान में उतर सके।

राज्यपाल से भी मिल चुके हैं गहलोत
हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संवैधानिक पदों पर नियुक्ति को लेकर हाल ही में राज्यपाल कलराज मिश्र से भी मुलाकात कर चुके हैं। प्रदेश में आधा दर्जन से ज्यादा संवैधानिक आयोगों और कई विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के पद रिक्त पड़े हैं।

इन बोर्ड- निगम, आयोग में होगी नियुक्तियां
दरअसल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही अधिकांश बोर्ड-निगम और आयोग रिक्त पड़े हुए हैं। हालांकि कुछ आयोगों में सरकार ने रिटायर्ड नौकरशाहों को मौका दे दिया है लेकिन आधा दर्जन से ज्यादा आयोग अभी भी खाली हैं जिनमें महिला आयोग, किसान आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, एससी-एसटी आयोग, ओबीसी आयोग और निशक्तजन आयोगों में नियुक्ति होनी है।

समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी अल्पसंख्यक वित्त निगम, वक्फ बोर्ड, देवस्थान बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, किसान आयोग, गौसेवा आयोग, बीज निगम, राजस्थान पर्यटन विकास निगम, अभाव अभियोग निराकरण समिति, माटी कला बोर्ड, केशकला बोर्ड, घुमंतु अर्ध घुमंतु बोर्ड, वक्फ विकास परिषद, मेवात विकास बोर्ड, डांग विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, नगर विकास न्यास (यूआईटी), हिंदी ग्रंथ अकादमी, उर्दू अकादमी, सिंधी अकादमी हैं।

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