सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईओसी की आधिकारिक वेबसाइट पर सबसे पहले कटौती के बाद की नई दर जारी हुई थी। लेकिन बाद में इसे लेकर सफाई दी गई। बताया गया कि ये तकनीकी कारणों से गफलत हुई है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि से विपक्ष के निशाने पर रही नरेन्द्र मोदी सरकार ने दोनों ईंधनों की कीमत में ब्रेक तो लगाए लेकिन दोनों ईंधन की कीमत में महज़ एक-एक पैसे ही सस्ता किया गया है। इस पर प्रदेश के लोगों में गहरी नाराज़गी देखने को मिल रही है।
पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम पर अंकुश की मांग को लेकर यातायात महासंघ के बैनर तले ट्रक, बस, मिनी बस मालिकों ने 11 जून को हाड़ौती बंद करने की चेतावनी दी थी। यही नहीं ये भी चेताया गया था कि फिर भी मांगे नहीं मानी जातीं तो राजस्थान बंद किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट कम्पनी एसोसिएशन, कोटा ट्रक यूनियन, बूंदी व बारां की ट्रक यूनियनों के अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के नाम एडीएम प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा था।
हाल ही में केन्द्र में भाजपा सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर उपलब्धि बताने आए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने को लेकर पूृछे गए सवालों पर घिर गए थे। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर भाजपा ने विरोध किया था, इसकी याद दिलाने पर उन्होंने कह दिया ‘मुझे इसका पता नहीं है। चतुर्वेदी ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर कहा कि यह सरकार के हाथ में नहीं है। अब तेल उत्पाद देश (ओपेक) और अन्तरराष्ट्रीय बाजार से पेट्रोल-डीजल की दरें तय होती है।