जिला— वृहद इकाइ—— अब संचालित
अजमेर… 14… 13 अलवर… 19….16 बांसवाड़ा…. 7….7 बारां… 6 …. बाड़मेर…2….2 भरतपुर…2….2 भीलवाड़ा….78…. 53 भिवाडी….138….126 बीकानेर….4….4 बूंदी….3….3 चित्तौडगढ़….18…13
चूरू….1…..1 धौलपुर….2….2 डूंगरपुर…1…1 हनुमानगढ़….2…2 जयपुर….140….76 जालौर…1….1 झालावाड़….2….2 झुंझुनूं…. 1…1 जोधपुर….28….25 कोटा…..11….11 नागौर….3….3 पाली…..6….5 राजसमंद…6…5 सीकर….6….6 सिरोही….8….8 श्रीगंगानगर…5….5 टोंक…4….4
उदयपुर….29….24 इनका कहना है जयपुर में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते रहे। लगातार कर्फ्यू रहा। इसी का असर है कि इकाइयों के शुरु होन की गति धीमी है। नितिन गुप्ता, निदेशक—सीआईआई राजस्थान
जयपुर में संक्रमण की दर तो एक कारण है। जिले में बहुतायत वाले हैंडीक्राफ्ट, गारमेंट एक्सपोर्ट के श्रमिकों का पलायन और बाजार में मांग घटने के कारण भी उद्योग संचालित नहीं हो रहे हैं।
नीलेश अग्रवाल, अध्यक्ष—सीतापुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन