कई अपराध कर चुकी प्रिया सेठ
प्रिया सेठ पहले भी थाना मानसरोवर में एटीएम तोडऩे के प्रयास, श्याम नगर से पीटा एक्ट, वैशाली नगर में ब्लैकमेलिंग के अपराध में गिरफ्तार हो चुकी थी। जबकि दूसरे आरोपी दीक्षांत कामरा का भी मुंबई में किसी पंकज नाम के अपराधी के गिरोह से संपर्क होना सामने आया था।
लोगों कां अपने जाल में फंसाने के लिए प्रिया सेठ ने वेबसाइट बना रखी थी। वह अपने सुंदरता के जाल में फंसा लोगों से मोटी रकम ऐंठती थी। वह गिरफ्तार होने से पहले पिछले छह साल से गंदा धंधा कर रही थी।
एस्कॉर्ट सेवा का कारोबार किया शुरू
मानसरोवर स्थित निजी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उसने ऑनलाइन एस्कॉर्ट सेवाएं (वेश्यावृत्ति) का कारोबार शुरू कर दिया था। पुलिस पूछताछ में खुद अपना कच्चा चिट्ठा खोलने वाली युवती का कहना है कि वह मूलत: फालना (पाली ) की रहने वाली है।
जानकारों के अनुसार उसने स्वीकार किया कि वह अपना नेटवर्क पूरी तरह शहर में ही रखती थी। वेश्यावृत्ति से जुड़ी साइट्स पर अपना मोबाइल नम्बर छोड़ देती थी। कॉल उन्हीं ग्राहकों के लेती जो शहर में रहते हों। साथ ही उसकी राडार पर 40-55 साल तक के लोग होते थे। प्रयास यही करती कि एक दिन में तीन-चार ग्राहकों से बात कर सके या उनसे मिल सके। उनसे पूरी तरह जानकारी जुटा मिलने की बात तय करती। उसने बताया कि धंधे के लिए वह एप की भी मदद लेती थी।
पुलिस के मुताबिक अक्सर वह ग्राहकों से होटल के कमरे में न मिलकर लॉबी या रिसेप्शन में मिलती। ग्राहक से बात करके यह पता लगाती कि वह कितना खर्च कर सकता है। उसके बाद सौदा तय करती। जैसे ही रकम मिलती वो कहती कि यह रकम कार में रखकर आ रही है। आप यहीं इतंजार करो। लेकिन फिर नहीं लौटती। उधर ग्राहक शर्म के कारण ठगी की शिकायत भी नहीं करता। ज्यादातर लोगों को सेवाएं देने के नाम पर उसने यूं ठगा था। वह प्रत्येक ग्राहक से 20 हजार से 25 हजार तक वसूलती थी।
पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह हर ग्राहक से मिलने का वादा जरूर करती, लेकिन प्रयास यही रहता कि वह किसी सार्वजनिक स्थान पर ही मिले। चाहे वह भीड़भाड़ वाला बाजार हो या गली। यदा-कदा वह पार्क में भी ग्राहकों को बुलाकर फंसाती थी। उसने जवाहर सर्किल स्थित एक होटल में पांच-सात वारदात करना स्वीकार किया है। इतना सब होने के बावजूद युवती यह मानने को तैयार नहीं कि उसने कुछ गलत किया है। उसका कहना है कि गलत प्रवृत्ति के लोग ही उसको एप्रोच करते हैं। उन जैसे लोगों से ठगी करके वह कुछ भी गलत नहीं कर रही है।