रिपोर्ट के अनुसार महिला को उसकी सास ने सोनिया नाम की महिला के साथ दुर्गापुरा के पास इश्वा आईवीएफ अस्पताल में चेकअप के लिए भेजा। जहां डॉक्टर ने उसके पेट में जबरन परखनली डाल दी और उसे दो सप्ताह तक नियमित हॉस्पिटल आने के लिए कहा। महिला ने घर आकर सास को यह बताया तो उसने कहा कि डॉक्टर ने उसके पेट में गड़बड़ बताई है, जिसका उपचार चलेगा। महिला का आरोप है कि बेहोशी की हालत में डॉक्टर ने कुछ दस्तावेजों पर उससे साइन करवा लिए।
नर्स बोली एग का हो चुका है सौदा
महिला के मुताबिक, 5 अप्रेल को सुबह उसकी ननद के साथ हॉस्पिटल की नर्स घर आई। जबरन हॉस्पिटल ले जाने की कोशिश पर उसके पिता ने पूछा तो नर्स ने कहा कि, इसके एग बेचने का सौदा इसकी सास ने किया है। उसको 25 हजार रुपए नकद भी दिए हैं। नर्स के बताने पर ही पता चला कि महिला की सहमति के बिना उसके एग का सौदा किया गया। पीडि़ता का कहना है कि, उसके पेट में गलत इंजेक्शन लगाए गए। दर्द होने पर वह अस्पताल गई तो पता चला कि उसके पेट में गांठ हो गई है। डॉक्टरों ने बताया कि उसके मां बनने के चांस फिफ्टी-फिफ्टी रह गए है।
सच या झूठ… मामले में कई पेंच
महिला ने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के साथ मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया है। जिस नर्स पर आरोप लगाए गए हैं, उसने एक महीने पहले पीडि़ता के पिता के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने इस मामले में उसके पिता को धारा 151 के तहत गिरफ्तार भी किया था। पुलिस ने बताया कि गोविन्दपुरा में रहने वाली महिला ने रिपोर्ट में बताया कि मई, 2022 में उसकी शादी हुई थी। शादी के बाद से ही सास दहेज की मांग को लेकर ताने देने लगी। वह परेशान होकर पीहर आ गई। करीब दो महीने बाद सास व अन्य रिश्तेदार पीहर आए और समझाइश कर ससुराल ले गए।
इनका कहना है
महिला के एग निकालने के मामले में पीडि़ता से दस्तावेज मांगे हैं। पीडि़त महिला के बयान लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। – पूनम चौधरी, थानाधिकारी सांगानेर सदर यह मामला फर्जी और दहेज प्रताड़ना का है। इस महिला का हमारे यहां कोई प्रोसीजर भी नहीं हुआ है। वह नर्स भी हमारी कर्मचारी नहीं है। हमारी कोई कर्मचारी बाहर जाती भी नहीं है। हमने पुलिस को भी इसके बारे में बताया है।
– डॉ.उर्मिला, संचालक, इश्वा आइवीएफ