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जजों के बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार देगी हर माह 9 हजार रुपए

- सरकारी खर्च पर हर तीन साल बाद खरीद सकेंगे 30 हजार तक का मोबाइल - सुप्रीम कोर्ट ने द्वितीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर दिया आदेश

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Rajasthan High Court

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जयपुर. न्यायिक अधिकारियों को बच्चों की 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए प्रतिमाह 9 हजार रुपए तक मिल सकेंगे, वहीं सरकारी खर्च पर हर तीन साल बाद 30 हजार रुपए तक का मोबाइल भी वे खरीद सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने द्वितीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर यह आदेश दिया।

आदेश में कहा कि वर्ष 2019-20 से न्यायिक अधिकारियों के बच्चों की 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए प्रतिमाह 2250 रुपए शिक्षा भत्ता दिया जाएगा, हॉस्टल खर्च के लिए 6750 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। जिन बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता हो, उन्हें यह राशि दो गुना तक मिल सकेगी।
सेवानिवृत्त को सेवारत से एक हजार रुपए ज्यादा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार चिकित्सा भत्ते के रूप में प्रतिमाह सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को चार हजार और सेवारत अधिकारियों को तीन हजार रुपए दिए जाएंगे। इसका लाभ एक जनवरी 2016 से दिया जाएगा। उपचार कैशलेस होगा, जिसकी प्रक्रिया हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी तय करेगी। आपात स्थिति में नजदीकी अस्पताल में उपचार की छूट होगी। इसको लेकर सोसायटी ऑफ फॉर्मर जजेज के अध्यक्ष पदम कुमार जैन ने कहा कि कैशलेस उपचार समय की आवश्यकता है, यह एक अच्छा कदम है।
सरकारी खर्च पर खरीद सकेंगे मोबाइल

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि हर तीन साल में जिला न्यायाधीश स्तर के अधिकारी को मोबाइल खरीदने के लिए 30 हजार और सिविल जज स्तर के अधिकारी को 20 हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा डेटा पैक के लिए प्रतिमाह जिला न्यायाधीश स्तर के अधिकारी को दो हजार और सिविल जज को डेढ़ हजार रुपए दिए जाएंगे।
यूनिफॉर्म के लिए 12 हजार रुपए

न्यायिक अधिकारियों को हर तीन साल में यूनिफॉर्म के लिए 12 हजार रुपए दिए जाएंगे, जिसका भुगतान एक जनवरी 2016 से मिल सकेगा।