हैरानी की बात है कि गंभीरता जताने की बजाय ब्लड बैंक प्रशासन ने मामले को दबा दिया। यहां तक कि अस्पताल प्रशासन को भी इसकी सूचना नहीं दी गई। अगले दिन रविवार को जब अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। अधीक्षक ने तुरंत हाई लेवल जांच कमेटी गठित की। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि यह तकनीशियन करीब तीन साल से अस्पताल में कार्यरत है।
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मामला गंभीर है, दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि ऐसा पहली बार सामने आया है। मामले की जांच के लिए हाई लेवल जांच कमेटी गठित की गई है, उसमें पांच वरिष्ठ चिकित्सक शामिल है। वे तीन दिन में रिपोर्ट देंगे। ब्लड बैंक का पूरा रेकार्ड खंगाला जाएगा, पूरी पड़ताल होगी। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही आगेे की कार्रवाई करेंगे।
डॉ कैलाश मीणा, अधीक्षक, जेकेे लोन अस्पताल
3500 से 4 हजार रुपए में हो रही बिक्री
प्लाज्मा अमूमन गंभीर बीमारियों में काम आता है। मौसमी बीमारियों के प्रकोप के दौरान जेके लोन, एसएमएस, कांवटिया, जयपुरिया समेत राजधानी के सरकारी व निजी अस्पतालों में इसकी काफी डिमांड बढ़ जाती है। यह 3500 से 4 हजार रुपए प्रति लीटर तक बिकता है।