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चीन में अब संसद से ज्यादा है पार्टी की विधायी शक्ति

चीन की संसद ने सोमवार को उस विधान कानून में बदलाव को मंजूरी दे दी, जो मुश्किल हालात पैदा होने पर संसद को तेजी से आपातकालीन कानून पारित करने के लिए अनुमति देता है। चीन के विधान कानून से ही यह तय होता है कि कानून कैसे लागू होते हैं

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बीजिंग. चीन की संसद ने सोमवार को उस विधान कानून में बदलाव को मंजूरी दे दी, जो मुश्किल हालात पैदा होने पर संसद को तेजी से आपातकालीन कानून पारित करने के लिए अनुमति देता है। चीन के विधान कानून से ही यह तय होता है कि कानून कैसे लागू होते हैं। इस संशोधन के बाद राष्ट्रीय संसद की 170 सदस्यीय सर्वोच्च नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी को यह अधिकार मिल जाता है कि केवल एक समीक्षा सत्र के बाद वह किसी कानून को पारित कर दे। इसके पीछे कारण बताया गया है कि इससे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को विधायी कार्यों में ज्यादा बढ़त मिलती है।
चीन में और ज्यादा बढ़ेगी तानाशाही
विश्लेषकों का कहना है कि कानून में नया संशोधन ऐसा कदम है जो चीन में पहले ही सार्वजनिक बहस और स्वतंत्र जांच की उपलब्ध स्पेस को और कम करेगा। मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में इस कानून की जरूरत भी आशंकाएं पैदा कर रही है।
अगले सप्ताह रूस जा सकते हैं जिनपिंग
चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग अगले सप्ताह रूस जा सकते हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सूत्रों के हवाले से ये खबर दी है। रूस की तास समाचार एजेंसी ने 30 जनवरी को बताया कि पुतिन ने शी को रूस आने के लिए आने के लिए आमंत्रित किया था। चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद जिनपिंग अब तक 39 बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर चुके हैं।

चीन में और ज्यादा बढ़ेगी तानाशाही
विश्लेषकों का कहना है कि कानून में नया संशोधन ऐसा कदम है जो चीन में पहले ही सार्वजनिक बहस और स्वतंत्र जांच की उपलब्ध स्पेस को और कम करेगा। मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में इस कानून की जरूरत भी आशंकाएं पैदा कर रही है।