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Lok Sabha Election 2024: पांच माह में ही जोश काफूर, जयपुर में इस बार अपनी-अपनी पकड़ के दावे हवा

Lok Sabha Election 2024: मतदाता-कार्यकर्ता की उदासीनता पड़ सकती है दोनों दलों को भारी

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विकास जैन
Lok Sabha Election 2024: जयपुर लोकसभा सीट के मतदाताओं और भाजपा-कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं की उदासीनता और लचर बूथ मैनेजमेंट ने दोनों दलों के लिए चिंता बढ़ा दी है। जयपुर में विधानसभा चुनाव के समय कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि मतदाताओं में भी जोश उफान पर था। यही कारण रहा कि मतदान 70 प्रतिशत से भी अधिक रहा। चौंकाने वाली बात यह रही कि पांच महीने में ही यह जोश गायब हो गया और मतदान में 2019 के लोकसभा चुनाव से भी 4.29 प्रतिशत की गिरावट आ गई। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह के जयपुर पर अपनी पकड़ का दावा भी मतदान प्रतिशत से हवा हो गया। भाजपा और कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं ने बातचीत में कहा कि अधिकांश कार्यकर्ता प्रत्याशियों के साथ मुंह दिखाई के लिए ही घूमे। आशंका है कि मतदान में कमी से मार्जिन भी प्रभावित हो सकता है। गर्मी और शादियों ने भी इस बार मतदान की ताल को अधिक प्रभावित किया। मतदाताओं की मान मनुहार भी विधानसभा चुनाव जैसी नहीं हुई।

ये भी रहे कारण

  • सोशल मीडिया पर फोकस, मतदाताओं तक पहुंच नहीं
  • अदला-बदली करने वाले नेताओं को जरूरत से ज्यादा महत्व से पुराने कार्यकर्ताओं में रोष

सांगानेर
2019 लोकसभा : 67.36
2024 लोकसभा : 59.80
मतदान प्रतिशत में गिरावट : 7.56
भाजपा के गढ़ में गत लोकसभा चुनाव के मत प्रतिशत की तुलना में इस बार 7.56 प्रतिशत की गिरावट आई है। 2019 में भाजपा प्रत्याशी को 1,10,300 मतों की बढ़त मिली थी। इस बार मतदाताओं की उदासीनता अधिक रही। कार्यकर्ता मतदाताओं को अधिक से अधिक लाने में सफल नहीं रहे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विधानसभा क्षेत्र होने से सबकी नजर है। मार्जिन को सीधे सीएम से जोड़कर देखा जाएगा।

विद्याधर नगर
2019 : 67.74
2024 : 63.18
गिरावट : 4.56
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 1,18,598 मतों की बढ़त मिली और क्षेत्र भाजपा के लिए सर्वाधिक लीड वाला रहा। परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए इस क्षेत्र से कांग्रेस को किसी चुनाव में लीड नहीं मिली। कार्यकर्ताओं की उदासीनता मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक नहीं ला पाई। डिप्टी सीएम दिया कुमारी का निर्वाचन क्षेत्र है। मार्जिन को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है।

मालवीय नगर
2019 : 68.44
2024 : 62.94
गिरावट : 5.5
किसी चुनाव में कांग्रेस को लीड नहीं मिली। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी की नजदीकी हार ने चौंकाया था। गत लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी को 66,0,29 मतों की बढ़त मिली। कार्यकर्ताओं का बड़ा वर्ग विधानसभा चुनाव के बाद से ही उदासीन है। यहां हार-जीत के अंतर को कालीचरण के मंत्री नहीं बनने से जोड़कर देखा जाएगा।

सिविल लाइंस
2019 : 66.86
2024 : 63.20
गिरावट : 3.66
मतदाता नतीजों से चौंकाते रहे हैं। परिसीमन से अस्तित्व में आई सीट पर एक बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा जीतती आ रही है। गत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक होने के बावजूद भाजपा को 56879 मतों की बढ़त मिली थी। भाजपा के मौजूदा विधायक गोपाल शर्मा के मंत्री या महत्वपूर्ण पद की दिशा तय होगी। यहां लोकसभा के लिए कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।

किशनपोल
2019 : 69.12
2024 : 68.87
गिरावट : 0.25
सीट कभी भाजपा का गढ़ रही, लेकिन अब दो बार से कांग्रेस के विधायक हैं। मुस्लिम बाहुल्य इस क्षेत्र में कोर वोट बैंक का मतदान के लिए बाहर निकलकर आने से मतदान प्रतिशत में अधिक अंतर नहीं आया। हालांकि गत लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस विधायक होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी को 5523 मतों की बढ़त मिली थी। दो बार से लगातार विधायक अमीन कागजी यदि अपने को साबित कर पाते हैं तो उनका पार्टी में कद बढ़ सकता है।

हवामहल
2019 : 70.70
2024 : 69.15
गिरावट : 1.55
विधानसभा चुनाव में नतीजों ने चौंकाया था। भाजपा ने कांग्रेस को यहां एक हजार से भी कम मत अंतर से शिकस्त दी। गत लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार यहां मत अंतर में 1.55 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछली बार यहां से भाजपा को 12200 मतों की बढ़त मिली थी। विधानसभा में नजदीकी मुकाबले से जीते और सक्रिय विधायक बालमुकंदाचार्य जयपुर के राष्ट्रवादी चेहरे बनेंगे यह नतीजों से तय होगा।

आदर्श नगर
2019 : 66.97
2024 : 63.58
गिरावट : 3.39
गत लोकसभा चुनाव में इसी क्षेत्र से कांग्रेस को बढ़त मिली, जो 4891 रही। इस बार यहां मतदान प्रतिशत में 3.39 प्रतिशत की गिरावट आई है। जो दोनों ही दलों के लिए चिंता का विषय बन गई है। लगातार दो बार से विधायक रफीक खान अपने को साबित करते हैं तो पार्टी में उनका कद बढ़ेगा।

बगरू
2019 : 67.87
2024 : 60.02
गिरावट : 7.85
गत लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस विधायक होने के बावजूद भाजपा को 63094 मतों की बढ़त मिली। हाल ही विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी बड़े मत अंतर से जीते, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में यहां के मतदान प्रतिशत में 8 फीसदी से भी अधिक की गिरावट आई है। युवा विधायक कैलाश वर्मा का राजनीति में दूर तक जाने का भविष्य नतीजों से तय होगा।

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