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जयपुर

खान विभाग ने ही हटाया सुरक्षा घेरा!

खान विभाग के एक अजीब फैसले से बाड़मेर जिले में खनिजों से सुरक्षा घेरा हट
गया है। अवैध खनन के लिहाज से संवदेनशील होने के बावजूद खान विभाग ने यहां
की सतर्कता शाखा को ही खत्म कर दिया है। और तो और खनिजों की निगरानी को
लगाए होमगार्ड जवानों को भी हटा दिया है।

जयपुरFeb 15, 2016 / 06:13 pm

​Bajrang ​Lal

खान विभाग के एक अजीब फैसले से बाड़मेर जिले में खनिजों से सुरक्षा घेरा हट गया है। अवैध खनन के लिहाज से संवदेनशील होने के बावजूद खान विभाग ने यहां की सतर्कता शाखा को ही खत्म कर दिया है। और तो और खनिजों की निगरानी को लगाए होमगार्ड जवानों को भी हटा दिया है।

इन खनिजों का खजाना
क्रूड ऑयल, सिलिसियस अर्थ, मुल्तानी मिट्टी, बेंटोनाइट, झींकरा ऐसे खनिज हैं जिसमें बाड़मेर का प्रदेश में एकाधिकार है। लिग्नाइट कोयला, जिप्सम, ग्रेनाइट, बॉल क्ले, चाइन क्ले आदि भी जिले में निकलने वाले महत्वपूर्ण खनिज हैं। सेंड स्टोन, सेलेनाइट बजरी, ग्रेवल, मैसेनरी स्टोन का भी खनन होता है।

इनका अवैध खनन
जिले में जिप्सम, मैसेनरी स्टोन, ग्रेवल और बजरी का अवैध खनन होता है। जिप्सम का सर्वाधिक अवैध खनन होता है। अवैध खनन माफियों की हमेशा इस पर नजर रही है। छीतर का पार, कोसरिया, काऊ का खेड़ा, उत्तरलाई, कुड़ला में जिप्सम बहुतायत पाया जाता है। यहां जिप्सम आधारित कारखाने भी चल रहे हैं, जहां अवैध खनन के जिप्सम की चोरी-छुपे आपूर्ति कर दी जाती है। चार दिन पहले ही खान विभाग ने छीतर का पार गांव में 1200 टन जिप्सम पकड़ा था। इसके अलावा नौसर में चुनाई पत्थर, बलाई व सेजुओं की बस्ती में मैसेनरी स्टोन तथा कुर्जा, सड़ा पांयला व बूठिया में ग्रेवल का अवैध खनन होता है।

कागजों में ही चली सतर्कता शाखा
बाड़मेर के खान विभाग कार्यालय को अगस्त 2013 में अपग्रेड किया गया। इसे सहायक खनि अभियंता से खनि अभियंता कार्यालय में क्रमोन्नत किया गया तथा अवैध खनन रोकने के लिए सतर्कता शाखा भी स्वीकृत की गई। इसके लिए अलग से सहायक अभियंता का पद भी स्वीकृत हुआ हालांकि इस पद पर कभी नियुक्ति नहीं हुई। एकाध बार सहायक खनि अभियंता को इसका अतिरिक्त कार्यभार दिया गया, लेकिन स्थायी नियुक्ति नहीं होने से यह शाखा पूर्ण रूप से काम नहीं कर पाई। करीब चार माह पहले इस शाखा को बंद कर दिया गया।

होमगाड्र्स महत्वपूर्ण कड़ी
सतर्कता शाखा के साथ ही विभाग को होमगार्ड के जवान उपलब्ध करवाए गए, ताकि अवैध खनन पर प्रभावी रोक लग सके। इन होमगाड्र्स को अवैध खनन वाले स्थानों पर लगाया गया। साथ ही 4-5 जवानों को विजिलेंस टीम के साथ रखा गया। शुरुआती दिनों में कुछ कार्रवाई हुई, लेकिन धीरे-धीरे इनमें कमी आती गई। एक हफ्ता पहले इन होमगाड्र्स को भी हटा दिया गया। होमगाड्र्स की तैनाती के बाद अवैध खनन में कमी आई थी, लेकिन इनके हटते ही अवैध खनन फिर से शुरू हो गया है।

उत्तरलाई से भी हटा दिए होमगाड्र्स
कुछ वर्ष पहले अवैध खनन कर्ताओं ने उत्तरलाई स्थित वायुसेना स्टेशन की तारबंदी तक जिप्सम की खुदाई कर दी। स्टेशन के विंग कमांडर की शिकायत पर इस क्षेत्र में होमगार्ड जवान लगाए गए। इसके बाद उत्तरलाई क्षेत्र में अवैध खनन थमा था, लेकिन अब होमगाड्र्स हटा लिए गए हैं।

अब ये हालात
खान विभाग की ओर से फिलहाल निरीक्षण एवं कार्रवाई करने के लिए खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता और खनि कार्यदेशक ही हैं, लेकिन कार्यालय में काम इतना रहता है कि इन्हें समय ही नहीं मिल पाता। ऐसे में जिले के महत्वपूर्ण खनिज असुरक्षित नजर आ रहे हैं।

मांगे हैं होमगाड्र्स
सतर्कता शाखा चार माह पहले ही समाप्त कर दी थी। हाल ही में होमगाड्र्स भी हटा दिए गए हैं। अवैध खनन की रोकथाम को लेकर हमने होमगार्ड के जवान वापस लगाने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा है।
घनश्याम चौहान, सहायक खनि अभियंता, बाड़मेर
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