प्रदेशभर की सात सेंट्रल जेल, जोधपुर हाई सिक्योरिटी जेल, जिला व सब जेलों में पिछले चार साल में आठ सौं मोबाइल मिले है। जबकि इस साल मार्च माह के तीन दिनों में सर्च अभियान के दौरान दौ सौ मोबाइल मिले। इस साल मार्च माह तक प्रदेशभर की पुरूष जेलों में करीब तीन सौ मोबाइल मिले चुके है। जेलों में मोबाइल मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। जेलों में लगे करोड़ों रुपए के जैमरों के टू व थ्री जी तकनीकि के होने के कारण मोबाइलों पर अकुंश नहीं लग पा रहा है। जेल प्रशासन जेलों में लगे जैमर्स को अपडेट करने की तैयारी में है।
– महिला जेलों में पांच साल में मिले सिर्फ तीन मोबाइल, पिछले दो साल में एक भी नहीं
प्रदेश में जयपुर व जोधपुर महिला जेल के अलावा पुरूष जेलों में बने महिला बैरकों की तलाशी में पिछले पांच साल में सिर्फ तीन मोबाइल मिले है। जबकि पिछले दो साल में किसी भी महिला जेल में एक भी मोबाइल नहीं मिला है। खास बात यह है कि पिछले चार साल में जयपुर महिला जेल में एक भी मोबाइल नहीं मिला है। जयपुर महिला जेल में बंदियों से अपने परिजनों से मिलने व बातचीत के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
= प्रदेशभर की जेलों में चलाए जा रहे सर्च अभियान में लगातार मोबाइल मिल रहे है। लेकिन महिला जेलों में पिछले दो साल में एक भी मोबाइल नहीं मिला है। इसके पीछे मुख्य वजह यह हो सकती है कि जेल में आने के बाद वे समाज की मुख्यधारा से पूरी तरह से कट जाती है।
रूपिन्दरसिंह , आईजी , कारागार जयपुर