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जयपुर

महिला जेलों में अचानक से बंद हुर्इ ये चीज मिलना.. आखिर क्या रहा कारण?

प्रदेशभर की महिला जेल-बैंरकों में ढूंढते रह जाआेंगे ये सामान

जयपुरApr 24, 2018 / 11:30 am

RAJESH MEENA

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इस साल मार्च माह के तीन दिन में ही पुरूष जेलों मिले दो सौ मोबाइल

जयपुर। प्रदेशभर की जेलों में लगातार मोबाइल मिलने से जेल प्रशासन की नींद उड़ी हुई है । इसी बीच प्रदेश की महिला जेलों से मिल रही सूचनाएं जेल प्रशासन को राहत प्रदान कर रही है। प्रदेशभर की महिला जेलों व पुरूष जेलों में बने महिला बैरकों में पिछले दो साल में एक भी मोबाइल नहीं मिला है। प्रदेश में जयपुर महिला जेल एक मात्र एेसी जेल है जहां पर पिछले चार साल में एक भी मोबाइल नहीं मिला है। विशेष बात यह है कि मार्च माह में जेल प्रशासन की ओर से चलाए सघन तलाशी अभियान के शुरूआती तीन दिन में ही प्रदेशभर की जेलों में २०० से अधिक मोबाइल मिल गए थे और यह सिलसिला अनवरत जारी है। प्रदेश में सात सेंट्रल जेल, तैंतीस जिला जेल और 200 से अधिक सब जेल मौजूद है। जयपुर और जोधपुर में अलग से महिला जेल है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर पुरूष जेल में ही अलग से बैरक में महिला बंदी सजा काट रही है।
-महिला अपराधियों ने बनाई समाज से दूरी
प्रदेशभर की महिला जेल व बैरकों में मोबाइल नहीं मिलने के पीछे जेल प्रशासन तर्क है कि अपराध के दलदल में फंसने के बाद जेल पहुंची महिलाओं ने समाज से पूरी तरह से दूरी बना ली और वे पूरी ईमानदारी से अपने अपराध का पश्याताप कर रही है। वहीं पुरूष बंदी जेल में रहने के बाद भी यहां से गैंग्स का संचालक कर रहे है। जेल में रहकर कुछ बदमाश उगाही सहित अन्य अपराधों में लिप्त पाएं गए है। जयपुर और जोधपुर महिला जेल में करीब करीब तीन सौ से अधिक बंदी सजा काट रहे है। इसमें जयपुर महिला जेल में करीब दौ सौ बंदी सजा काट रही है। जेल प्रशासन ने महिला बंदियों की अपने परिजनों बातचीत करवाने के लिए अलग से व्यवस्था भी कर रखी है।
-चार साल में प्रदेश भर की पुरूष जेलों मिले आठ सौ मोबाइल
प्रदेशभर की सात सेंट्रल जेल, जोधपुर हाई सिक्योरिटी जेल, जिला व सब जेलों में पिछले चार साल में आठ सौं मोबाइल मिले है। जबकि इस साल मार्च माह के तीन दिनों में सर्च अभियान के दौरान दौ सौ मोबाइल मिले। इस साल मार्च माह तक प्रदेशभर की पुरूष जेलों में करीब तीन सौ मोबाइल मिले चुके है। जेलों में मोबाइल मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। जेलों में लगे करोड़ों रुपए के जैमरों के टू व थ्री जी तकनीकि के होने के कारण मोबाइलों पर अकुंश नहीं लग पा रहा है। जेल प्रशासन जेलों में लगे जैमर्स को अपडेट करने की तैयारी में है।
– महिला जेलों में पांच साल में मिले सिर्फ तीन मोबाइल, पिछले दो साल में एक भी नहीं
प्रदेश में जयपुर व जोधपुर महिला जेल के अलावा पुरूष जेलों में बने महिला बैरकों की तलाशी में पिछले पांच साल में सिर्फ तीन मोबाइल मिले है। जबकि पिछले दो साल में किसी भी महिला जेल में एक भी मोबाइल नहीं मिला है। खास बात यह है कि पिछले चार साल में जयपुर महिला जेल में एक भी मोबाइल नहीं मिला है। जयपुर महिला जेल में बंदियों से अपने परिजनों से मिलने व बातचीत के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
= प्रदेशभर की जेलों में चलाए जा रहे सर्च अभियान में लगातार मोबाइल मिल रहे है। लेकिन महिला जेलों में पिछले दो साल में एक भी मोबाइल नहीं मिला है। इसके पीछे मुख्य वजह यह हो सकती है कि जेल में आने के बाद वे समाज की मुख्यधारा से पूरी तरह से कट जाती है।
रूपिन्दरसिंह , आईजी , कारागार जयपुर

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