महानिदेशक कारागार राजीव दासोत ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से वित्त पोषित इस ऑडियो. विजुअल नवाचार का फिल्मांकन हाल ही में जयपुर के केन्द्रीय कारागृहए महिला बंदी सुधार गृह और बंदी खुला शिविर में हुआ है। इस फिल्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अभिनय करने वाले सभी पात्र महिला एवं पुरुष या तो बंदी हैं या फिर जेल विभाग के अधिकारी.कर्मचारी हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मार्गदर्शन में राजस्थान कारागार विभाग बंदियों के कल्याण, सुधार और इनके पुनस्र्थापन की ओर कार्य कर रहा है।
इस फिल्म में समाज से आह्वान किया गया है कि वह बंदियों को रिहाई के बाद नवजात शिशु के रूप में स्वीकार कर उनके सुधार एवं पुर्नस्थापन में अपनी भूमिका का निर्वहन करे। हालाँकि पहले ये फ़िल्म 28 मई को रिलीज़ होने वाली थी। लेकिन कोरोना के चलते इसे रिलीज़ नहीं किया गया। इस फिल्म के निर्माण में एडीजी मालिनी अग्रवाल, आईजी आलोक वशिष्ठ, आईजी विक्रम सिंह कर्णावत, डीआईजी मोनिका अग्रवाल, जयपुर जेल अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा, कारापाल सोहनी देवी, महिला बंदी सुधार गृह और केन्द्रीय कारागृह जयपुर के कर्मचारियों का अहम योगदान रहा।