दरअसल बाडमेर जिले के चौहटन थाना इलाके में बॉर्डर के नजदीक स्थित गांव दीनगढ़ में यह घटना हुई। मृतक के भाई तोगाराम ने पुलिस को बताया कि 15 जून को उसके भाई मानाराम की मौत हो गई थी। पत्नी ने बताया था कि करंट लगने से उनकी मौत हो गई। किसी को इस बारे में शक भी नहीं हुआ और लोगों ने यह मान भी लिया। यहां तक की पुलिस भी इस कहानी में आ गई। बाद में परिवार के लोगों ने मानाराम का अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन उसके भाई तोगाराम को अपनी भाभी पर शक हो गया।
तोगाराम ने अपने परिवार के सदस्यों को इस बारे में बताया तो परिवार के सदस्यों को भी मानाराम की पत्नी पर शक हुआ। बाद में सभी ने उससे सख्ती से पूछताछ की ओर पुलिस में देने का डर दिखाया तब जाकर पूरा मामला खुला। पता चला कि गांव में ही रहने वाले किसी हनुमानाराम से उसके संबध थे और इस बारे में पति मानाराम को पता चल गया था। हनुमानाराम के कहने पर दोनो ने मिलकर मानाराम को रास्ते से हटाने की साजिश रची। इसके लिए हनुमानाराम ने ही पहले तो नींद की गोलियां लाकर मानाराम की पत्नी को दी। पत्नी ने ये गोलियां मानाराम को खाने में मिलाकर दे दी। फिर हनुमानाराम अपने साथ बिजली के तार लेकर आया। तारों का एक हिस्सा बिजली बोर्ड में लगाया गया और दूसरे हिस्से की रिंग बनाकर मानाराम के हाथ और पैर की अगुंलियों में पहना दी गई। फिर स्वीच चालू कर दिया गया। दोनो के सामने ही मानाराम ने तड़पकर जान दे दी। मानाराम की मौत के बाद हनुमानाराम वहां से चला गया। उसके जाने के बाद पत्नी अपने पति के शव के पास ही सो गई। सवेरे मानाराम के कदमों के कदमों के निशाना झाडू लगाकर हटा दिए और सुनियोजित तरीके से परिवार के सामने मानाराम की करंट होने से मौत की बात रखी। अब इस पूरे घटनाक्रम के बाद तोगाराम ने अपने भाभी और उसके प्रेमी के खिलाफ हत्या करने का मामला दर्ज कराया है।