आपको बता दें कि हाल ही में अशोक गहलोत सरकार में गोविंद डोटासरा को बनाया गया है। भगवान कृष्ण को गोविंद नाम से भी पुकारा जाता है। ऐसे में मंत्री के नाम को भगवान कृष्ण के नाम से जोड़कर देखा जा रहा है। खास बात यह है कि गोविंद डोटासरा से पहले वासुदेव देवनानी पिछली राजे सरकार में शिक्षा मंत्री थी। वासुदेव भी भगवान कृष्ण का ही एक नाम है।
वासुदेव देवनानी से पहले (2008 से 2013) में अशोक गहलोत सरकार में मास्टर भंवरलाल मेघवाल जरूर ऐसे शिक्षा मंत्री रहे जिनका नाम भगवान कृष्ण के नाम पर नहीं था। लेकिन मास्टर भंवरलाल मेघवाल से पहले भी जो शिक्षा मंत्री थे उनका नाम भी भगवान कृष्ण के नाम पर ही था। 2003 में बनीं भाजपा सरकार में घनश्याम तिवाड़ी को शिक्षा मंत्री बनाया गया था। आपको बता दें कि भगवान कृष्ण को धनश्याम के नाम से भी जाना जाता है।
कक्षा 6 में फेल हो गई थीं राजस्थान की ये कलेक्टर, फिर अपनी जिद और जज्बे से बनीं IAS टॉपर श्रीमद भागवत पुराण के वर्णन अनुसार भगवान कृष्ण जब बाल्यावस्था में थे, तब नंदबाबा के घर आचार्य गर्गाचार्य द्वारा उनका नामकरण संस्कार हुआ था। नाम रखते समय गर्गाचार्य ने बताया कि यह पुत्र प्रत्येक युग में अवतार धारण करता है। कभी इसका वर्ण श्वेत, कभी लाल, कभी पीला होता है। पूर्व के प्रत्येक युगों में शरीर धारण करते हुए इसके 3 वर्ण हो चुके हैं।
इस बार कृष्णवर्ण का हुआ है, इसलिए इसका नाम कृष्ण होगा। वासुदेव का पुत्र होने के कारण उसका अतिरतिक्त नाम वासुदेव भी रखा गया। कृष्ण नाम के अतिरिक्त भी कृष्ण भगवान को कई अन्य नामों से जाना जाता रहा है, जो उनकी कई विशेषताओं को दर्शाते हैं। सबसे व्यापक नामों में मोहन, गोविंद, गिरधर, धनश्याम, कन्हैया, कान्हा और गोपाल आदि हैं।