इस बदलाव में सबसे ज्यादा ख़ास यह रहा कि प्लानिंग शाखा की पूरी टीम को बदल दिया गया है। बताया जा रह है कि प्लानिंग शाखा से ही फर्जी पट्टे जारी हुए थे। इसमें उपायुक्त से लेकर कर्मचारी लगातार कठघरे में रहे। निगम अधिकारियों के मुताबिक 45 एलडीसी कर्मचारी और बाकी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल है। कार्य क्षेत्र के बदलाव में राजस्व शाखा के कर्मचारियों को भी इधर से उधर किया गया है। सूत्रों के मुताबिक शहरी सरकार के ही रसूखदार जनप्रतिनिधि के परिचित को फिर अच्छी जगह लगाया गया है। जबकि, भाजपा पार्षद अनिल शर्मा ने ही आयुक्त को पत्र लिखकर फर्जी पट्टे मामले में मिलीभगत की आशंका जताई थी।
फर्जी पट्टों का यह मामला नगर निगम में फर्जी पट्टों का मामला गरमाया हुआ है। ज्योति नगर थाने में दो एफआईआर दर्ज हो चुकी है। टोंक रोड, न्यू लाइट कॉलोनी में सुविधा क्षेत्र की जमीन पर 5 पट्टे, झोटवाड़ा में देवी नगर विस्तार में 3 व शांति नगर में 1 पट्टा फर्जी तरीके से जारी कर दिया गया। इनमें से कई पट्टे निरस्त किए जा चुके हैं।
निगम ने फर्जी पट्टों के मामले को गंभीर रूप से लिया और इन सब फर्जी पट्टों की शिकायत के बाद निगम ने बड़ा कदम उठाया। निगम ने करीब 70 से ज्यादा कर्मचारियों को इधर-उधर कर उनके कार्य क्षेत्र में बदलाव कर दिया। इस बदलाव में 45 एलडीसी कर्मचारी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी समेत राजस्व शाखा के कर्मचारियों के कार्य क्षेत्र में अचानक से बदलाव कर दिया। निगम के इस एक्शन में खास बात ये रही की प्लानिंग शाखा की पूरी टीम को निगम ने बदल दिया।