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जयपुर

स्कूल, कॉलेज व यूनिवर्सिटी में अब दिखेंगे नए बदलाव

सत्र 2020-21 में शुरू करने होंगे कई नवाचार

जयपुरMay 10, 2020 / 05:04 pm

jagdish paraliya

New changes will now be seen in schools, colleges and universities

Many innovations will have to start in the session 2020-21

अजमेर. सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित देश के सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में कई बदलाव दिखेंगे। पढ़ाई के अलावा इन्हें कामकाज का तरीका भी बदलना पड़ेगा। इनमें प्रार्थना सभा/एसेम्बली पर रोक, ऑड-ईवन फार्मूले से बच्चों की पढ़ाई जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई और परीक्षाएं ठप है। कहीं जून तो कहीं जुलाई में प्रवेश/वार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। सत्र २०२०-२१ में शैक्षिक संस्थानों को जबरदस्त मेहनत करनी पड़ेगी। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई की दसवीं-बारहवीं, देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेज में स्नातक और स्नातकोत्तर विषयों की सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षाएं फिलहाल स्थगित की गई हैं। नेट-जेआरएफ, नीट, इग्नू की पीएचडी, सीए-सीएस, जेईई मेन, जेईई एडवांस और अन्य परीक्षाएं जुलाई-अगस्त में होंगी। इन परीक्षाओं से ही बदलाव की शुरुआत हो जाएगी।
करने पड़ेंगे संस्थानों को यह अहम काम
सभी कक्षाओं-वर्ग में विद्यार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग
स्कूल बस, टेम्पो, वैन में सोशल डिस्टेंसिंग
विद्यार्थियों की कक्षाएं लगाई जाएं ऑड-ईवन फार्मूल पर
कुछ माह तक सुबह की प्रार्थना सभा-एसेम्बली पर रोक
सांस्कृतिक कार्यक्रम-वार्षिकोत्सव में सोशल डिस्टेंसिंग
परिसस में सेनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था
ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया पर देना पड़ेगा ज्यादा जोर
मेडिकल किट और थर्मल स्कैनर का इंतजाम
प्रमुख कोर्स की सीट
इंजीनियरिंग-२७ लाख (आईआईटी, एनआईटी, राज्यों के इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कॉलेज)
मेडिकल-१.५ लाख, डेंटल-१ लाख
मैनेजमेंट-९२, ९२८ (आईआईएम और राज्यों के मैनेजमेंट कॉलेज)
लॉ-५ लाख २० हजार (एनएलयू, केंद्रीय/राज्य स्तरीय विवि और कॉलेज)

सत्र अगस्त या सितंबर से
यूजीसी द्वारा गठित प्रो.आर. सी. कुहाड़ कमेटी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में जुलाई के बजाय सितम्बर में सत्र 2020-21 शुरू करने की सिफारिश की है। वर्तमान की स्नातक तक और स्नातकोत्तर परीक्षा में देरी के कारण यह सुझाव दिया गया है।
निश्चित तौर पर सभी संस्थाओं को कामकाज का तरीका बदलना पड़ेगा। पढ़ाई और परीक्षाओं-कार्यक्रमों में नए प्रयोग करने जरूरी होंगे।
प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति मदस विवि

तीन हजार विद्यालयों में होगी कॉपियों की जांच, सीबीएसई कराएगा केंद्रीयकृत मूल्यांकन
अजमेर. सीबीएसई की दसवीं-बारहवीं की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए देश में ३ हजार स्कूल का चयन किया गया है। गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद इनमें मूल्यांकन कराया जाएगा।
बोर्ड पहली से आठवीं और नवीं तथा ग्यारहवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं के लिए प्रोमोट करने के आदेश जारी कर चुका है। बारहवीं के २९ विषयों और दिल्ली रीजन में दसवीं में बकाया परीक्षा १ से १५ जुलाई के बीच होंगी। केंद्रीय गृह विभाग के संयुक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल ने बताया कि विद्यार्थियों की कॉपियों की जांच २० मार्च से अटकी है। लॉकडाउन के कारण केंद्रीयकृत मूल्यांकन मुश्किल हो रहा है। इसको देखते हुए ३ हजार स्कूल का चयन किया गया है। यह रेड, ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में हैं। केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशानुसार इन स्कूल में सीबीएसई की कॉपियों का मूल्यांकन होगा।
आवश्यकता पडऩे पर सीबीएसई कॉपियों को शिक्षकों के घरों तक भी भेज सकेंगे। अन्य स्कूल लॉकडाउन के चलते बंद रहेंगे। जुलाई में होने वाली बारहवीं की परीक्षाओं का टाइम टेबल जल्द जारी होगा। बोर्ड अधिकारी परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता, पर्याप्त स्टाफ और अन्य बिंदुओं पर विचार-विमर्श करने में जुटे हैं।

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