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मियावाकी पद्धति से पार्क का एक कोना होगा घना, कचरागाह में लगेंगे पेड़

राजधानी का हैरिटेज नगर निगम नवाचार करने जा रहा है। इसके तहत पार्क का एक कोना हरा भरा बनाया जाएगा। इसके अलावा शहर भर में दोनों नगर निगम और जेडीए मिलकर सात लाख पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

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जयपुर। भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए पेड़-पौधे जरूरी हैं। यही वजह है कि शहर में पौधे लगाने और उनके रखरखाव का जिम्मा भी तय किया जा रहा है। हैरिटेज नगर निगम अपने निगम सीमा क्षेत्र के करीब 20 बड़े पार्क के कोने में कई प्रजाति के पौधे लगाएगा। पार्क के एक कोने को घना किया जाएगा। यहां से 10 से 12 फीट के पौधे लगाए जाएंगे। इनकी देखभाल निगम और स्थानीय लोग मिलकर करेंगे। इसके अलावा मथुरादासपुरा और लांगडि़वास में भी हैरिटेज नगर निगम पौधे लगाएगा।

दरअसल, कचरागाह के आस-पास ग्रीनरी का अभाव है। इन कचरागाह को विकसित करने का काम दोनों शहरी सरकारें कर रही हैं। उसी के तहत अब इन कचरागाह पर पौधारोपण किया जाएगा। उद्यान शाखा के अधिकारियों की मानें तो मानसून की पहली बारिश के बाद पौधे लगाने का काम शुरू हो जाएगा। ज्यादातर पौधे मियावाकी पद्धति से लगाए जाएंगे। इस पद्धति में देशी प्रजाति के पौधे एक- दूसरे के समीप लगाए जाते हैं, जो कम स्थान घेरने के साथ ही अन्य पौधों की वृद्धि में भी सहायक होते हैं। इस विधि में पेड़ स्वयं अपना विकास करते हैं और तीन वर्ष के भीतर वे पूरी लंबाई तक बढ़ जाते हैं। इस पद्धति में उपयोग किये जाने वाले पौधे ज़्यादातर आत्मनिर्भर होते हैं और उन्हें खाद एवं जल देने जैसे नियमित रख-रखाव की बहुत अधिक आवश्यकता नहीं होती है।

ग्रेटर निगम: सड़क किनारे लगाए 5000 पौधे, करेगा देखभाल
ग्रेटर निगम सीमा क्षेत्र की प्रमुख बड़ी सड़कों के किनारे मानसून में पांच हजार पौधे लगाएगा। इनकी देखरेख उद्यान शाखा ही करेगी। इसके अलावा 45 हजार पौधे निगम सीमा क्षेत्र के वार्डों में दिए जाएंगे। वहीं, वन विभाग से ढाई लाख पौधों को पार्कों, स्कूल से लेकर अन्य सरकारी दफ्तरों में लगाने का प्लान है।दरअसल, स्वायत्त शासन विभाग ने नगर निगमों को अपने सीमा क्षेत्र में तीन लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया है।


जेडीए: पौधा वितरण की निगरानी करने की तैयारी
रियायती दर पर जेडीए हर वर्ष पौधे बांटता है। इनकी कोई निगरानी नहीं होती। इस बार ऐप से निगरानी करने की तैयारी की जा रही है। आधार के साथ मोबाइल नम्बर भी लिया जाएगा। दोबारा आने पर ऐप बता देगा कि पहले पौधे लिए जा चुके हैं। इसके अलावा जेडीए पौधा वितरण केंद्र भी बढ़ाएगा, ताकि लोगों के घर के पास ही अच्छे पौधे मिल सकें। एक लाख पौधे बांटने का लक्ष्य जेडीए ने रखा है।

पत्रिका व्यू: पौधों की करें देखभाल, तभी बनेगा हरित जयपुर
भीषण गर्मी के दौर में लोगों को हरियाली की याद आ रही है। सरकारी मशीनरी भी पौधे लगाने पर जोर दे रही है। मानसून में दोनों नगर निगम और जेडीए मिलकर करीब सात लाख पौधे लगाने की बात कर रहे हैं। इतने पौधे रियायती दर पर बेचे और बांटे भी जाएंगे। पौधा लगाने के बाद शहरवासियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। अपने घर के पास से लेकर पार्क में लगने वाले पौधे की देखभाल करें। आप जिस पौधे की देखभाल कर रहे हैं, वो पौधा किसी कारणवश मर जाए तो उसको बदलवाने के लिए क्षेत्रीय पार्षद से कहें। सभी को अपने पौधे को पेड़ बनाने का संकल्प लेना होगा। वैसे एक्सपर्ट की मानते हैं कि तीन साल बाद पौधे की देखरेख करने की जरूरत नहीं पड़ती और एक वर्ष बाद पौधा मरता भी नहीं है। जब हर पौधा पेड़ बनेगा, तभी जयपुर हरा-भरा होगा।