हाल ही में कोचर ने अपनी बेटी आरती को ओपन लेटर लिखा था। इस लेटर से उन्होंने अपनी बेटी ही नहीं हर लड़की का दिल जीत लिया था। इस लेटर के माध्यम से कोचर ने देश की महिलाओं को ये तो महसूस करवाया ही कि उन्हें आत्मनिर्भर होना चाहिए। साथ ही ये भी एहसासा दिलाया कि कॅरियर में ऊंचाईयां छूने के साथ भी पारिवारिक जिम्मेदारियां पूरी की जा सकती हैं। इस लेटर को पढ़ कर उस समय हर भारतीय महिला को वे अपने जैसी सी लगीं। 2010 में चंदा कोचर को बैंकिंग सेक्टर में उनके योगदान के लिए पदम भूषण अवार्ड दिया गया। आपको बता दें कि मोबाइल बैंकिंग के क्षेत्र में चंदा ने बेहद सराहनीय काम किया है। फिर आया साल 2015, जिसने चंदा के जीवन में सफलता की एक नई इबारत लिखी। चंदा को दुनिया की सबसे शक्तिशाली औरतों में 32वां स्थान मिला। फोर्ब्स की लिस्ट में चंदा की एंट्री ने पूरे देश की औरतों को सपने देखने और सचकर दिखाने की हिम्मत के लिए इंस्पायर किया।
अब आपको बताते हैं कि चंदा कोचर पर आखिर क्या आरोप है और क्यों वे हैं सुर्खियों में… उन पर आरोप है कि वीडियोकोन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपए के ऋण देने के मामले में नियमों की अनदेखी का आरोप लग रहा है। हालांकि आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने चंदा पर पूरा भरोसा जताते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी है, लेकिन बहस अभी जारी है। इस मामले को अगर हम अपवाद मानें तो ऐसे कई पल आए जब चंदा ने हमारे देश का मान बढ़ाया और महिलाओं को गर्व कर सकने की अनुभूति प्रदान की।