
जयपुर। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी एक और फिल्म ‘पानीपत’ ( panipat Movie Controversy ) पर रार बढ़ रही है। निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ( Ashutosh Gowariker ) की शुक्रवार को जारी हुई इस फिल्म पर राजस्थान व हरियाणा सहित अन्य राज्यों में विवाद खड़ा हो गया है। भरतपुर में तो निर्देशक के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। आमजन से लेकर राजस्थान सरकार के मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद तक ने असंतोष जताया है। इनका कहना है कि फिल्म में भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट ( Maharaja Suraj Mal ) का गलत चित्रण किया गया है।
इस पर है विवाद
फिल्म में मराठा योद्धा सदाशिवराव भाऊ (अर्जुन कपूर द्वारा निभाया किरदार) अफगानों के खिलाफ मदद के लिए महाराजा सूरजमल से कहते हैं लेकिन सूरजमल बदले में कुछ चीज चाहते हैं। मांग पूरी नहीं होने पर वह सदाशिव के साथ युद्ध में जाने से मना कर देते हैं। फिल्म में स्थानीय लोग राजस्थानी और हरियाणवी बोल रहे हैं। भाषा को लेकर भी लोगों की आपत्ति है।
समाज और सियासत से लेकर प्रबुद्ध वर्ग तक उठा विरोध
हमारे पूर्वजों का अपमान : विश्वेन्द्र
पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा, सूरजमल जाट जैसे महापुरुष का चित्रण गलत तरीके से किया है। हरियाणा, राजस्थान व उत्तर भारत के जाट समुदाय में भारी विरोध है। इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। मैं सूरजमल की 14वीं पीढ़ी से हूं। सच यह है कि पेशवा और मराठा पानीपत युद्ध ( Panipat ) हारकर घायल होकर लौट रहे थे तब महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने 6 माह तक सम्पूर्ण मराठा सेना और पेशवाओं को पनाह दी थी। खांडेराव होल्कर की मृत्यु भी भरतपुर की तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में हुई। वहां के गागरसोली गांव में उनकी छतरी बनी हुई है।
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने की निंदा
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मामले को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया कि स्वाभीमानी, निष्ठावान और ह्रदय सम्राट महाराजा सूरजमल का फिल्म निर्माता द्वारा फिल्म पानीपत में किया गया चित्रण निंदनीय है।
किरोड़ीलाल मीणा, सांसद : महाराजा सूरजमल के व्यक्तित्व को गलत दिखाना ठीक नहीं है। फिल्मों में रह-रहकर महान इतिहास का मजाक बनाया जा रहा है। सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारी समझे, फिल्म से विवादित दृश्य हटाए।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री : महाराजा सूरजमल के किरदार को गलत चित्रित किया गया है। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फिल्म निर्देशक को माफी मांगनी चाहिए और गलती सुधारनी चाहिए।
हनुमान बेनीवाल, सांसद : फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोडकऱ प्रस्तुत करने से समाज में खासा रोष है। महाराजा सूरजमल महान व अजेय योद्धा रहे हैं।
रामनिवास गावडिय़ा, विधायक, परबतसर : फिल्म में महाराजा का चित्रण गलत तरीके से किया गया है।
दीपेंद्र सिंह हुडï्डा, पूर्व सांसद रोहतक (हरियाणा) : सरकार को इस मामले में तत्काल दखल देकर आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए।
रामबाबू शुक्ल, साहित्यकार : महाराजा सूरजमल ने सदाशिवराव से कुछ नहीं मांगा था। महाराजा के सुझाव राव को पसंद नहीं आए थे। इसके बावजूद फिल्म में उनका चरित्र चित्रण गलत किया गया है।
रामवीर सिंह वर्मा, साहित्यकार : अहमद शाह अब्दाली 25 अक्टूबर 1759 को सिंध पार कर दिल्ली तक आ गया लेकिन किसी भी राजा ने उससे युद्ध नहीं किया। जनवरी 1760 में 50 हजार सैनिकों सहित पेशवा बाजीराव व अन्य लोगों से सहयोग के रूप में एक लाख की सेना लेकर दिल्ली की ओर से कूच किया। राव को सूरजमल ने कई परामर्श दिए लेकिन वह नहीं माने। इसके बावजूद महाराजा ने राव का काफी सहयोग किया।
राकेश फौजदार, प्रदेश महामंत्री, जाट महासभा : यह समाज और भरतपुर की जनता का अपमान है। सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे। महाराजा सूरजमल से जुड़े इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी।
Updated on:
09 Dec 2019 08:06 am
Published on:
09 Dec 2019 08:05 am
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