विधानसभा में भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात और भंडारण के साथ ही क्रय-विक्रय करने पर ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम’ और ‘नगरपालिका अधिनियम’ के तहत जुर्माने और 5 साल की सजा प्रावधान है। लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश में बेलगाम तरीके से इनका इस्तेमाल हो रहा है। सराफ ने कहा कि प्रदेश में पॉलिथीन कैरी बैग बनाने की एक भी इकाई नहीं है तो फिर यहां के थड़ी-ठेलों और बड़ी-बड़ी दुकानों पर खुलेआम पॉलीथिन का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या इस अवैध रूप से प्लास्टिक कैरी बैग के इस्तेमाल और क्रय-विक्रय में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं है? साथ ही पूछा कि विगत 4 वर्षों में सरकार ने अब तक इन गतिविधियों या दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है?
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भाजपा शासित राज्यों से हो रही तस्करी : विश्नोई
पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग पर पूर्ण प्रतिबंध है। लेकिन यहां पड़ोसी भाजपा शासित राज्यों हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश से तस्करी के ज़रिए बड़ी मात्रा में प्लास्टिक पहुंच रहा है। इन सभी राज्यों में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है। यही वजह है कि वहां से चोरी-छिपे प्लास्टिक भेजा जा रहा है।
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हज़ारों टन प्लास्टिक जब्त
मंत्री विश्नोई ने कहा कि प्लास्टिक के खिलाफ अभियान में नगरपालिकाओं के मार्फत अब तक 4.9 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया है, जबकि हज़ारों टन प्लास्टिक जब्त किया है। इनमें जयपुर, अलवर और बीकानेर में प्लास्टिक बनाने वाली अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई भी शामिल है। मंत्री ने कहा कि यदि भाजपा शासित पड़ोसी इस मसले को गंभीरता से लें और कार्रवाई करें तो इन गतिविधियों में नियंत्रण पाया जा सकता है।
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‘प्लास्टिक बैन की सच्चाई’ पत्रिका अभियान
सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन के खुलेआम उपयोग के खिलाफ ‘पत्रिका’ ने अभियान शुरू किया और राजधानी में धड़ल्ले से हो रहे सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन की सच्चाई ग्राउंड रिपोर्ट के माध्यम उजागर की गई। पूर्ण प्रतिबंध के 8 माह बाद भी राजधानी में पॉलीथिन पर पाबंदी नहीं लग पा रही है।